उत्तराखण्ड
बीजेपी से आउट होने के बाद क्या हरक की होगी घर वापसी?
मेघना सचदेवा
कहते हैं जैसे को तैसा और जब बात राजनीति की हो तो जनाब जैसा आपने किया कुर्सी पाने के लिए वैसा ही सूद समेत आपके पास वापिस आएगा उसी कुर्सी से आपको गिराने के लिए । हरक सिंह रावत उत्तराखंड की राजनीति में एक ऐसा नाम बन गया है जिसने पहले कांग्रेस की नाक में दम कर दिया और कुर्सी की चाह में उन्होंने उस पार्टी के साथ विश्वासघात कर दिया जिसने हरक सिंह रावत पर सबसे ज्यादा विश्वास जाहिर किया । 2016 में कांग्रेस छोड़ वो रातों रात भरी बस में चल दिए राज्यपाल से मिलने और अपने साथ अपने करीबियों को भी ले गए । कांग्रेस की सरकार को झटका लगा और सत्ता बीजेपी के पास चली गई । हरक सिंह रावत की बगावत इसका मुख्य कारण बनी । हालांकि अब 2022 के चुनाव से पहले अपने और परिवार के लिए 3 टिकट की डिमांड और इस्तीफे की धमकी ने हरक सिंह रावत को सब कुछ सूद समेत वापिस कर ही दिया । कुछ दिन पहले हंसी ठिठौली कर अब बीजेपी में सब कुछ ठीक है का इशारा करने वाले हरक सिंह रविवार रात को अपने आंसू नहीं रोक पाए । बीजेपी ने 1 तीर से 2 निशाने चलते हुए हरक सिंह को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया । बीजेपी ने पार्टी में अनुशासनहीनता करने वालों पर एक्शन लेने के संदेश के साथ टिकट बंटवारे के बाद आक्रोश के सैलाब को भी रोक दिया। अब हरक सिंह रावत न घर के रहे ना घाट के । कांग्रेस का खुलकर अब समर्थन करने वाले हरक सिंह रावत में पास अब कोई ऑप्शन भी नहीं बचा है तो वो लग गाय हैं कांग्रेस के गुणगान में । यहां तक कि उन्होंने ये भी कह दिया कि अगर मैं कांग्रेस में शामिल नहीं होता तो भी कांग्रेस की ही सरकार आएगी जनता ने परिवर्तन का मूड बना लिया है। दल बदल में महारत हासिल कर चुके हरक सिंह रावत को अब कांग्रेस एक बार फिर से पार्टी में शामिल करती है या नहीं और करती है तो जनता के बीच इससे उदारता का संदेश जाएगा या फिर कुर्सी के लिए किसी भी बागी पर विश्वास करने से कांग्रेस को आने वाला वक्त में फिर झटका लगेगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा ।