उत्तराखण्ड
जब समस्या का समाधान करने वाले ही समस्या बन गए तब किससे करें गुहार।
सच का साथ देने की आदत डालिये, न्याय के पक्ष में खड़े होइए
अब असल सवाल तो द्वाराहाट का है।
स्व. विपिन त्रिपाठी जैसे महान आंदोलनकारी और थींक टैंक, स्व. मदन मोहन उपाध्याय व स्व. हरिदत्त कांडपाल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की द्वाराहाट की यह धरती जो मंदिरों का शहर कहलाती है ,यह धरती जिसे सांस्कृतिक नगरी के रूप में जाना जाता है अब इसे अचानक किसकी नजर लग गई है l
कोई सोचे न सोचे पर जनता को सोचना ही पड़ेगा l बहुत हो गया, अब यह सब आगे नही चलना चाहिए l
द्वाराहाट की जैसी स्थिति हो गई है उसकी किसी ने कल्पना भी नही की होगी l ऋषि मुनियों की तपोभूमि व देवभूमि में क्या इसी तरह की स्थितियां देखने के लिए राज्य का निर्माण किया गया था l
पिछले कुछ समय से निरंतर धरातल की ओर जा रहे इंजीनियरिंग कालेज को संवारने व उसकी पुरानी रौनक व प्रसिद्धि को फिर से लौटने के लिए कुछ समय पहले ही डॉक्टर केकेएस मेर के रूप में अनुभव के धनी व प्रतिभावान निदेशक की तैनाती हुई थी, उम्मीद के अनुरूप वे अपना कार्य कर भी रहे थे परन्तु वर्तमान स्थितियों से जिस तरह से उनका दिल टूटा है और वे अपने व परिवार की सुरक्षा को लेकर आशंकित है वह द्वाराहाट के लिए शुभ संकेत नही है l विधानसभा के नागरिक के तौर पर उनके साथ हुए कृत्य से हर किसी को अपराधबोध हो रहा है l
जनता सक्रियता से पूरे घटनाचक्र पर नजर बनाए हुए है और उच्च स्तरीय जांच के साथ दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद लगाए बैठी है l
घूप अंधेरे के आगोश में घिरी इस विधानसभा में उम्मीदों का नया सबेरा कब होगा, होगा भी या नही यह जनता को ही तय करना होगा l शनिवार को इंजीनियरिंग कालेज परिसर के निदेशक निवास से जिस तरह से डरी और सहमी उनके परिवार की महिला की आवाज आ रही है वह हृदय को द्रवित कर रही है और हर वीडियो देखने वाले को सोचने को मजबूर कर रही है l चीख और चिल्लाहट के बीच जिस तरह से नशे के आगोश में डूबे तथाकथित माननीय द्वारा जबरन अंदर घुसने की असफल कोशिश की जा रही है वह हर व्यक्ति को कंपा रही है l
कौन गलत है कौन सही इसकी गवाही मौके पर बनाई गई वीडियो और ऑडियो चीख चीख कर दे रही है l जहां तक प्रोटोकॉल का सवाल है वह गरिमामय व्यक्ति के लिए होता है शराब के आगोश में डूबे उस व्यक्ति के लिए नही होता है जो रात के अंधेरे में अपने कुछ चहेतों के साथ किसी के घर के बाहर जाकर घोर आपत्तिजनक गलियों की बौछार करता हो l अभद्र भाषा का प्रयोग करता हो l सब लोग कुछ दिनों के लिए भूल जाइए कि आप किसी दल के पदाधिकारी या कार्यकर्ता हैं l यह वक्त किसी की आलोचना का नही है l यह समय आरोप प्रत्यारोप का भी नही है l सच का साथ देने की आदत डालिए, न्याय के पक्ष में खड़े होइए l ये क्या कहेंगे वे नाराज हो जाएंगे तो डराने धमकाने आपके घर पर भी आ जाएंगे ये डर भी छोड़िए l जब तक परमात्मा का आशीर्वाद होता है तब तक न तो कोई किसी को मार सकता है न कुछ बिगाड़ सकता है l यह दलों का सवाल भी नही है l असल सवाल तो द्वाराहाट विधानसभा का है चौखुटिया घाटी का है, मासी, जालली व बग्वालीपोखर का है l
इन क्षेत्रों को कैसे सही दिशा मिलेगी, कैसे विकास होगा l लोग किसके पास जाएंगे किसे अपनी व्यथा सुनाएंगे l जब समस्या का समाधान करने वाले ही समस्या बन गए हैं तब हम सबके लिए बहुत गंभीर स्थिति पैदा हो रही है l जो द्वाराहाट विधानसभा के विकास को बहुत पीछे धकेल सकती है l