धर्म-संस्कृति
कब मनाया जाएगा नंदाष्टमी, राधाष्टमी पर्व जानिये।
शनिवार को नंदा अष्टमी एवं राधाष्टमी पर्व मनाया जाएगा।
नंदा अष्टमी पर्व पर कुमाऊं एवं गढ़वाल के कई क्षेत्रों में भव्य मेले का आयोजन एवं राजजात यात्रा का आयोजन किया जाता है।
नंदा देवी मेला भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि से प्रारंभ होता है। इसी दिन मां नंदा की पूजा की जाती है। देवी का अवतार जिस पर होता है उसे देवी का डंगरिया (उपासक) कहा जाता है। मा नंदा की पूजा के लिए केले के वृक्षों से पर्वतनुमा मूर्तियों का निर्माण किया जाता है। केले के वृक्षों के चयन के लिए डंगरिया (देवी के विशेष उपासक) हाथ में चावल और पुष्प लेकर उसे केले के वृक्षों की ओर फेंकते हैं।
जिस वृक्ष पर स्वत: कंपन उत्पन्न होती है उसकी पूजा कर उसे मां के मंदिर में लाया जाता है। देवी की मूर्तियों के निर्माण का कार्य सप्तमी के दिन से प्रारंभ होता है। जबकि अष्टमी को मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। इस दौरान नंदा देवी परिसर में भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है। अष्टमी,नवमी, व दशमी की पूजा के बाद एकादशी तिथि को मां नंदा का विसर्जन किया जाएगा।
राधाष्टमी
भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री राधाष्टमी पर्व मनाया जायेगा। राधा अष्टमी का उपवास रखने से मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है धन संबंधित समस्याओं का समाधान होता है वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है।
मुहूर्त
अष्टमी तिथि प्रारंभ 22 सितंबर 2023 अपराहन 1:37 से 23 सितंबर 2023 शनिवार अपराह्न 12:19 मिनट तक।