दन्यां
कहां है मेरे प्राण पियारे सखा कहां है राज दुलारे…..– पुत्र वियोग में राजा दशरथ ने त्यागे प्राण
दन्यां: रामलीला कमेटी दन्यां के तत्वावधान में आयोजित रामलीला महोत्सव में पंचम दिन वनवास का करूण दृश्य दिखाए गए। राम, लक्ष्मण और सीता द्वारा वन गमन किये जाने पर पुत्र वियोग में राजा दशरथ ने कहां हैं मेरे प्राण पियारे सखा कहां हैं राज दुलारे कहते हुए अपने प्राणों का त्याग कर दिया। दशरथ का सुंदर और सजीव अभिनय वरिष्ठ कलाकार गोविंद बल्लभ पंत ने किया। क्षेत्र की सबसे पुरानी रामलीलाओं में शुमार दन्यां की रामलीला ने इस वर्ष 110 वें वर्ष में प्रवेश किया है। काफी ठंड के बावजूद यहां की रामलीला को देखने टकोली, सुकना, कफलनी, चपडोला, गौली, आटी, मुनौली, डसीली, बेलक आदि दर्जनों गांवों के सैकड़ों दर्शक प्रतिदिन आ रहे हैं।
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बाल्यकाल से ही रामलीला में अभिनय कर रहे हैं वरिष्ठ कलाकार 77 वर्षीय गोविंद बल्लभ पंत
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दन्यां: 12 वर्ष की अवस्था में रामलीला में शत्रुघ्न का अभिनय करने वाले गोविंद बल्लभ पंत वर्तमान में 77 वर्ष की अवस्था में भी रामलीला से जुड़े हुए हैं। दन्यां की रामलीला में पिछले कई सालों से दशरथ का सजीव अभिनय कर रहे हैं। वरिष्ठ कलाकार पंत ने बताया कि 12 वर्ष की उम्र में शत्रुघ्न के पात्र से शुरू हुआ अभिनय का उनका यह सफर अभी तक जारी है। बीते 60 सालों में शत्रुघ्न, भरत, लक्ष्मण, राम, परशुराम, विश्वामित्र, अंगद, सुमंत और अब दशरथ आदि का अभिनय वे कर चुके हैं। रामलीला कमेटी दन्यां के पदाधिकारियों ने पंत के जज्बे की सराहना की है।