देहरादून
पूजा खेड़कर के बाद उत्तराखंड की IAS अफसर निकिता खंडेलवाल पर लगे बड़े आरोप, यह है सच्चाई ?
देहरादून – महाराष्ट्र कैडर की प्रशिक्षु IAS पूजा खेड़कर के प्रमाणपत्रों पर सवाल उठने के बाद अब दिव्यांगता सर्टिफिकेट को लेकर उत्तराखंड की आईएएस अफसर नितिका खंडेलवाल भी चर्चाओं में हैं। लोग सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल कर रहे हैं, जिसमें उनकी दिव्यांगता को लेकर सवाल उठा रहे हैं। मीडिया को दिए एक बयान में खंडेलवाल का कहना है कि कुछ लोग उनके यूट्यूब चैनल पर 13 नवंबर 2019 को अपलोड वीडियो के अंश को गलत तरीके से प्रसारित कर रहे हैं।
सोशल मीडिया में प्रसारित वीडियो में दावा किया जा रहा है कि नितिका का 2015 बैच की दृष्टिबाधित दिव्यांग कैटेगरी में चयन हुआ है। वीडियो में वह एक सिमुलेटर पर ड्राइविंग टेस्ट देती नजर आ रही हैं,जिसमें यूजर्स का आरोप है कि दृष्टि दिव्यांग होने के बावजूद चश्मा क्यों नहीं लगाया गया है। इसे लेकर सोशल मीडिया में लगातार उन्हें ट्रोल किया जा रहा है। आपको बता दें आईएएस नितिका खंडेलवाल कोन रॉड डिस्ट्रॉफी रोग से पीड़ित हैं। यह आंख की गंभीर बीमारी है। इसमें इंसान की आंखों की रोशनी समय के साथ पूरी तरह खत्म हो सकती है।
इसमें रेटिना की प्रकाश-संवेदी कोशिकाएं धीरे-धीरे खराब होने लगती हैं। बताया जाता है कि यह बीमारी करीब 40 हजार लोगों में से एक को ही होती है ।।आपको यह भी बता दें कि आईएएस नितिका खंडेलवाल को उत्तराखंड में एक दबंग महिला अफसर के रूप में जाना जाता है। उनकी गिनती तेज-तर्रार अधिकारियों में होती है और उनके काम की चर्चा जनता में अक्सर होती रहती है।
नितिका खंडेलवाल 2014 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और उत्तराखंड के रुद्रपुर जिले की निवासी हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा रुद्रपुर से पूरी की और बाद में दिल्ली से बीए और जामिया मिलिया से एचआर में एमए किया। नितिका ने यूपीएससी परीक्षा में 897वीं रैंक हासिल की थी। उन्हें विजुअल इम्पेयरमेंट के प्रमाणपत्र के कारण दिव्यांग कोटा से आईएएस का पद मिला। वर्तमान में नितिका देहरादून में तैनात हैं। उन्होंने कुछ समय पहले बुर्का पहनकर दरगाह में छापा मारा था जिसमें उन्होंने तीन कर्मचारियों को पकड़ा, साथ ही कोरोना काल में 2.5 लाख से अधिक लोगों को भोजन मुहैया कराया था।