उत्तराखण्ड
बाबा रामदेव ने अपने बचाव में खर्च किए लाखों रुपए : फिर भी नहीं मिली कोई राहत ।।
एलोपैथी दवाओं के खिलाफ विज्ञापन और पतंजलि आयुर्वेद द्वारा अपनी दवाओं के लिए ‘भ्रामक दावों’ पर अदालत की अवमानना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव के माफीनामे को फिर से स्वीकार नहीं किया।
पहले भी सुप्रीम कोर्ट तीन बार रामदेव और पतंजलि की तरफ से मांगी गई माफी को ठुकरा चुका है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव के माफीनामे को स्वीकार नहीं किया, अब अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।
बाबा रामदेव पर पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई की जिसमें रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को फिर से फटकार लगाई है। इस मामले में अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी जिसमें रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को मौजूद होना होगा।
आपको बता दें कि
पतंजलि ने सुप्रीम कोर्ट की रोक को अनदेखा करते हुए भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित किए थे, जिस पर कोर्ट ने कंपनी को मानहानि का नोटिस जारी किया था। इसके बावजूद पतंजलि ने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया, जिसके बाद कोर्ट ने कंपनी के संस्थापक बाबा रामदेव और प्रबंधक निदेशक (MD) आचार्य बालकृष्ण को तलब किया। पिछली सुनवाइयों में कोर्ट ने इन दोनों के माफीनामे खारिज कर दिए और अखबारों में माफीनामा प्रकाशित करने को कहा।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पुछा कि कल ही माफीनामा दाखिल क्यों किया गया यह तो पहले कर देना चाहिए था। इस मामले में अब अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।