उत्तराखण्ड
सम्पूर्ण शैक्षिक समाज के लिये शिक्षक प्रवेश चमोली का ब्यक्तित्व प्रेरणादायिनी।
रिपोर्ट: गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल – बिभिन्न राष्ट्रीय सम्मानोपाधियों से सम्मानित तथा राज्य के उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित हिन्दी अध्यापक के पद पर कार्यरत अखिलेश चन्द्र चमोला की कलम से….
सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के सन्दर्भ में अनेक प्रकार की सकारात्मक और नकारात्मक प्रतिक्रियायें देखने को मिलती हैं।शिक्षा के पहलू को यदि हम ध्यान में रखते हैं तो शिक्षा वह है जो बच्चों की आध्यात्मिक वौद्विक और शारीरिक जिम्मेदारियों का समुचित रुप से निर्वहन करती है।बच्चे राष्ट्र की धरोहर होते हैं।शिक्षा के माध्यम से बच्चे अपने राष्ट्र को एक नई ऊंचाई तक ले जा सकते हैं।जब शिक्षा किसी राष्ट्र के भविष्य तय कर सकती है तो इस स्थिति में इस शिक्षा को बच्चों तक पहुंचाने वाले ब्यक्ति की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बनती है।उस ब्यक्ति को हम गुरु, शिक्षक,जनक आदि अनेेकों नाम से जानते हैं।इस सत्यता को भी किसी तरह से नकारा नहीं जा सकता है कि वर्तमान परिदृश्य में सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक अपने सम्पूर्ण दायित्वों का समुचित रुप से निर्वहन करके भावी पीढ़ी का सफलतापूर्वक से मार्गदर्शन करने का कार्य कर रहें हैं।इस विषय पर सत्यता से चिन्तन मनन किया जाए तो सम्पूर्ण शिक्षक समुदाय से प्रवेश चमोली का नाम उभर कर सामने आता है।इस सख्शियत की पृष्ठ भूमि का अवलोकन करने पर जानकारी मिलती है कि इस ब्यक्ति का जन्म 20 दिसम्बर 1962 को पूर्णानन्द चमोली तथा रमा चमोली के घर में हुआ, बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के छात्रों में इनकी गिनती की जाती रही।शुरूआती शिक्षा गांव के ही विद्यालय में हुई। कला निष्णात केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढवाल से आंग्ल भाषा ,अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र में सम्पन्न हुई। शिक्षक पेशे में रुचि होने के कारण अशासकीय विद्यालयों में सेवा सम्पादित करते हुए 30-8-91में शासकीय काॅलेज ग्वाल खोडा में अंग्रेजी अध्यापक के पद पर नियुक्त हुए। फिर 30-8-02 से 2016 तक राजकीय इन्टर काॅलेज सुमाडी में सेवायें देते हुए राजकीय इन्टर काॅलेज मरखोडा में अंग्रेजी प्रवक्ता के पद पर पद्वोन्नति हुई। वहां पर अंग्रेजी विषय के पद पर कार्य करते हुए शिक्षा बिभाग में लम्बी सेवायें देने के उपरांत 31मार्च 2023 के पुनीत सुअवसर पर सेवानिवृत्त होंगें।अपनी कार्य कुशलता और तीक्ष्ण बुद्धि के कारण आम जनमानस तथा छात्रों के प्रिय शिक्षक के रूप में लब्ध प्रतिष्ठित बने रहे।आंग्ल भाषा जैसे कठिन विषय को अपने नवाचारी शैक्षिक अनुप्रयोग से इतना सुगम बनाया कि छात्र अंग्रेजी विषय की ओर आकर्षित बने रहे।शत प्रतिशत और गुणवत्तापूर्ण परीक्षा परिणाम देने में भी बड़े उत्साह पूर्वक से अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते रहे।इनके सन्दर्भ में मुख्य शिक्षा अधिकारी टिहरी(संयुक्त शिक्षा निदेशक ) ललित मोहन चमोला ने कहा कि जब भी इनके कार्यों का अवलोकन किया तो सबसे बेहतर और उत्कृष्ट कार्यों के रुप में पाया।वास्तव में इस तरह के शिक्षक ही सही अर्थों में समाज के दर्पण होते हैं।निवर्तमान खन्ड शिक्षा अधिकारी एम0एल0आर्य का मानना है कि प्रवेश चमोली अतुलनीय प्रतिभा के धनी हैं।भावी पीढ़ी के सन्दर्भ में इनकी सोच तथा अनुकरणीय पहल उच्चादर्श को दर्शाती है।राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद देहरादून के संयुक्त शिक्षा निदेशक मदन सिंह रावत ने कहा कि -भावी पीढ़ी राष्ट्र की बहुमूल्य धरोहर है,इस पूंजी का सही तरह से मार्गदर्शन करना अनुकरणीय पहल को दर्शाता है।इस सन्दर्भ में शिक्षक प्रवेश चमोली की भूमिका बडी महत्वपूर्ण है।जनता इन्टर काॅलेज डामकेश्वर के बरिष्ठ शिक्षक जगमोहन सिंंह रावत का कहना है कि अपने अध्यापन कार्य करने के साथ-साथ शिक्षक समुदाय में अपनी विशिष्ट पहचान बनाना अपने आप में उपलब्धि है।राजकीय इन्टर काॅलेज नवाखाल के प्रधानाचार्य महेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि प्रवेश चमोली शैक्षिक जगत के गौरव हैं।
राजकीय इन्टर काॅलेज सुमाडी में गणित विषय के शिक्षक हरेंद्र कुमार का कहना है कि अपने से बरिष्ठ शिक्षकों का जब मार्गदर्शन मिलता है,तो एक ऊर्जा का संचार पैदा होता है।इस सन्दर्भ में चमोली जी का ब्यक्तित्व प्रेरणादायक है।राजकीय कन्या इन्टर काॅलेज पौड़ी में कार्यरत शिक्षिका श्वेता विष्ट ने कहा कि बाल प्रतिभा सम्मान समारोह परिषद के कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रुप में मुुझे चमोली के बिचार सुनने का गौरव प्राप्त हुआ। इनके द्वारा कहे हुए ज्ञान गंगा के एक एक शब्द मोती की तरह आम जनमानस को अभिसिन्चित करने का कार्य कर रही थी।राजकीय बालिका इन्टर काॅलेज मलेथा में कार्यरत बरिष्ठ शिक्षिका मंजु सेमवाल का कहना है कि चमोली एक आदर्श, अनुशासित, कुशल वक्ता के रूप में भावी पीढ़ी का मार्गदर्शन करने का कार्य कर रहे हैं।प्रसिद्ध साहित्यकार तथा बाल प्रतिभा सम्मान समारोह परिषद श्रीनगर गढवाल के अकादमिक परिषद के अध्यक्ष राकेश मोहन कन्डारी का कहना है कि एक आदर्श शिक्षक का सबसे बड़ा सम्मान उसके बिद्यार्थीं हैं।
इस कसौटी पर प्रवेश चमोली की भूमिका बहुत ही सराहनीय है।रजनी स्मृति सांस्कृतिक एवं पर्यावरण जन कल्याण समिति के अध्यक्ष,समाजिक कार्यकर्ता एवं विभिन्न समाचार पत्रो के स्वतंत्र पत्रकार गबर सिंह भण्डारी ने कहा कि अपने अध्यापन कार्य करने के साथ-साथ शिक्षक प्रवेश चमोली की सांस्कृतिक, सामाजिक, आध्यात्मिक, शैक्षिक उन्नयन जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों में भी विशिष्ट भूमिका रहती है।इन पर सम्पूर्ण क्षेत्र को गर्व है।
पूरे विकास खंड खिर्सू और जनपद पौडी गढ़वाल में प्रवेश चमोली की गिनती एक आदर्श शिक्षक के रुप में की जाती है।भय मुक्त वातावरण खुशनुमा गतिविधि के साथ बच्चों का मार्गदर्शन करने मे भी प्रवेश चमोली की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है।
समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता,श्रेष्ठता यही होती है कि हम समय के साथ चलते हुए अपने हर पलों को यादगार बनायें।इसी तरह के क्रम में शिक्षा बिभाग में लम्बी सेवा देने के बाद 31 मार्च 2023 को प्रवेश चमोली सेवानिवृत्त हो रहे हैं।इस तरह के ब्यक्तित्व के लिए हमें लगता है कि यह इन्हें अपनी सेवायों का पारितोषिक व सम्मान है।
शैक्षिक जगत इस तरह तरह के अतुलनीय, अनुकरणीय ब्यक्तित्व की लब्ध प्रतिष्ठा पर गौरव करते हुए नमन करता है।