उत्तराखण्ड
यादों के झरोखे से – जब भाजपा के खिलाफ जनता दल के कार्यकर्ताओं ने शुरु की चुनावी लड़ाई ।। नाराज होकर वीपी सिंह ने अपनी गाड़ी से उतार दिया था भाजपा का झंडा ।।
1989 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और जनता दल में गठबंधन हुआ था। पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ब्रज में राष्ट्रीय मोर्चा प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार को आए थे। इस दौरान उन्होंने कई जगह से मंच पर लगे भाजपा के झंडों को उखाड़ फिंकवाया था।
इससे भाजपा कार्यकर्ताओं में
आक्रोश फैल गया था। इस कदम से जनता दल के पक्ष में मुस्लिमों का ध्रुवीकरण हो गया था। आगरा रामलीला मैदान में बने चुनावी मंच पर जब वीपी सिंह पहुंचे तो एक साथ लगे भाजपा और जनता दल के झंडे देखकर भड़क गए। उन्होंने भाजपा के झंडों को मंच से हटवाकर ही पार्टी प्रत्याशी अजय सिंह और रामजीलाल सुमन के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित किया। इसी तरह एटा में वीपी सिंह ने अपनी गाड़ी से भाजपा का झंडा हटा दिया था। उनके इस कदम से नाराज भाजपाइयों ने उनके सामने जमकर हंगामा किया था। उल्लेखनीय है कि एटा लोकसभा सीट पर जनता दल का प्रत्याशी उतारने पर सहमति बनी थी, लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि ऐन मौके पर गठबंधन खटाई में पड़ गया। गठबंधन तोड़ने से ध्रुवीकरण हो गया
जहां भाजपा व जनता दल गठबंधन के तहत लगे झंडों में से भाजपा का झंडा उखाड़ फेंका था। हंगामे को लेकर दोनों दलों के लिए चुनाव प्रतिष्ठा की जंग बन गया था। दोनों दलों ने अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए अलग-अलग दम लगाया था।
लोग बताते हैं कि गठबंधन के दौरान भाजपा ने चुनाव के अंतिम वक्त पर एटा सीट पर डॉ. महादीपक सिंह शाक्य को प्रत्याशी बनाकर उतार दिया। ऐसे में जनता दल के कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया। 1989 के लोकसभा चुनाव में आगरा से अजय सिंह, फिरोजाबाद से रामजीलाल, मथुरा से मानवेंद्र सिंह, जलेसर से चौधरी मुल्तान सिंह और एटा से भाजपा के महादीप सिंह शाक्य जीते थे।