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अंजनी बिरला में आरोप लगाने पर हाईकोर्ट सख्त : सोशल मीडिया से सभी पोस्ट हटाने के दिए निर्देश ।।
दिल्ली – पिछले दिनों से यूपीएससी की गुणवत्ता पर कई सवाल उठ रहे हैं इसका कारण पूजा खेडकर का विवादों में आना था जिसके बाद UPSC अध्यक्ष मनोज सोनी ने पद से इस्तीफा दे दिया था । इसके बाद कुछ सोशल मीडिया यूजर ओम बिरला की बेटी अंजनी बिरला पर भी गलत तरीके से ऑफिसर बनने के आरोप लगा रहे थे लेकिन अब दिल्ली हाईकोर्ट ने गूगल और एक्स को ऐसी सोशल मीडिया पोस्ट हटाने के निर्देश दिए हैं,
जिनमें आरोप लगाया गया था कि अंजलि बिरला लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी होने के कारण संघ लोक सेवा आयोग यानि यूपीएससी की परीक्षा में उत्तीर्ण हुई। हाईकोर्ट ने एक्स, गूगल, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और अज्ञात पक्षों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब तलब किया है।जस्टिस नवीन चावला ने अंतरिम आदेश में एक्स और गूगल को 24 घंटे के भीतर पोस्ट हटाने के निर्देश दिए।
साथ ही, अदालत ने अज्ञात व्यक्तियों को इस संबंध में बिरला के खिलाफ मानहानिकारक आरोप लगाने से भी रोक दिया। अदालत ने कहा, अंजलि प्रथमदृष्टया यह साबित करने में सफल रही हैं कि विचाराधीन पोस्ट मानहानिकारक हैं। अंजलि की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने तर्क दिया कि ऐसा आरोप वर्ष 2021 में भी सामने आया था, लेकिन तथ्यों की जांच के बाद बिरला के भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा अधिकारी होने का खुलासा होने के बाद विवाद शांत हो गया।
उन्होंने कहा, उनकी मुवक्किल वर्ष 2021 में अधिकारी बन गई थी, लेकिन नीट और यूपीएससी परीक्षा विवाद के चलते ये बातें फिर से सामने आ गई। सोशल मीडिया पोस्ट ऐसा महसूस कराती हैं कि हम सभी इसका हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, मेरी निजी तस्वीरें ऑनलाइन पोस्ट की जा रही हैं और कहा जा रहा है कि मैं एक मॉडल हूं। अंजलि बिरला ने कहा कि सोशल मीडिया हैंडल के जरिए कहा पूर्व नियोजित साजिश के तहत ऐसी समाचार चलाए जा रहे थे। इनका मकसद उन्हें और उनके पिता को बदनाम करना है।