राष्ट्रीय
क्या देश का तंत्र हुआ फैल, एक परीक्षा भी बिना लीक के क्यों नहीं करवा पाता भारत ।। नीट प्रवेश परीक्षा हो सकती है रद्द ?
देश का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है पेपर लीक
हमारे देश में कोई भी ऐसी परीक्षा नहीं है दोस्तों .. जिसमें नकल नहीं होती हो , वह चाहे देश लेवल की परीक्षा हो या फिर राज्य लेवल की परीक्षा … पेपर लीक वर्तमान समय में देश का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है बच्चों की मेहनत पर पानी फेरा जा रहा है, जिससे बच्चे मानसिक तनाव में भी आ रहे हैं । इसका जिम्मेदार कौन है ? ऐसी व्यवस्था कब तक चलेगी ? अनेक जगह बने पेपर लीक के कानून का क्या हुआ ? आखिर पेपर लीक में कौन लोग रहते हैं शामिल ? जी हां आज हम पेपर लीक मामले में विस्तार से बात करने वाले हैं और जानने वाले हैं कि पेपर लीक के मामलों पर कैसे रोकथाम की जा सकती है ।। और किसकी गलतियों से यह पेपर लीक हो रहे हैं , दोस्तों सभी परीक्षाओं में पेपर लीक के मामले आने से विद्यार्थियों में भी चिंता और शक बैठ जाता है .. और परीक्षार्थी निराश हो जाता है हम बात कर रहे हैं नीट प्रवेश परीक्षा कि, जो इस वर्ष आयोजित हुई थी देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा को लेकर लगातार विवाद बढ़ता ही जा रहा है ।
देशभर से परीक्षा को पुनः आयोजित करने की मांग उठी
पहले परीक्षा लीक के आरोप लगे और रिजल्ट आने के बाद उसमें गड़बड़ी के आरोप लगे तो देश में चर्चा छिड़ गई है कि पेपर में गड़बड़ी है और यह गड़बड़ी बड़े लेवल की है । देशभर से परीक्षा को पुनः आयोजित करने की मांग उठ रही है। नीट यूजी परीक्षा का आयोजन इस साल 05 मई, 2024 को किया गया था, जिसमें करीब 24 लाख छात्रों ने इस वर्ष भाग लिया था । विवाद तेजी से तब बढ़ा जब 4 जून को एनटीए ने नीट यूजी का रिजल्ट जारी किया। उसी दिन देश में लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आया तो आयोग ने सोचा होगा कि सभी जगह तो चुनाव के रिजल्ट की चर्चा होगी ऐसे में हमारे रिजल्ट की ओर ध्यान नहीं जाएगा लेकिन बच्चों ने सभी का ध्यान इस मामले की ओर खींच दिया , इस वर्ष रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने अखिल भारतीय रैंक – 1 हासिल की। जो संभव नहीं लगता , हैरानी की बात यह है कि 67 अभ्यर्थियों में एक ही केंद्र के 6 अभ्यर्थी भी शामिल हैं। फिर भी राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी जिसे हम एनटीए कहते हैं ,उसका मानना है कि अनियमितता नहीं हुई है , अब सवाल है क्या देश में मज़ाक चल रहा है ?
मामले में सीबीआई जांच की मांग
नीट का पेपर 720 नंबर का होता है। हर सवाल चार नंबर का होता और गलत उत्तर पर तो एक अंक की नेगेटिव मार्किंग होती है। कोई छात्र अगर सभी सवाल सही करता है तो उसके पूरे 720 में से 720 आते हैं और अगर एक सवाल छोड़ देता है तो उसके 716 अंक आएंगे। ऐसे में छात्रों द्वारा तर्क दिया गया कि किसी भी छात्र के 718 और 719 अंक आना असंभव है। लेकिन फिर भी आए, अब मामले की सीबीआई जांच की मांग हो रही है .. देशभर से इस मुद्दे पर अनेक टिप्पणियां आ रही हैं। कई राजनेताओं और राज्य सरकारों की ओर से भी इस पर प्रतिक्रिया आ रही है ।। महाराष्ट्र सरकार ने नीट परीक्षा को तत्काल रद्द करने की मांग की है । आरोप लगाया गया कि इसके नतीजों ने देश के छात्रों के साथ अन्याय किया है।
मामले ने ख़ूब पकड़ा है तूल
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी छात्रों की “वैध शिकायतों” की जांच के माध्यम से समाधान करने का आह्वान किया। वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने भी नीट का विरोध करते हुए कहा कि प्रवेश परीक्षा सामाजिक न्याय और संघवाद के खिलाफ है। मामले को तूल पकड़ता देख आखिरकार एनटीए ने सभी सवालों के स्पष्टीकरण के लिए एक प्रेस वार्ता भी की,इसमें सभी मुख्य सवालों पर स्पष्टीकरण दिया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि ‘गड़बड़ी का जो मामला बताया जा रहा है, वो सिर्फ 6 सेंटर्स और 1600 उम्मीदवारों तक सीमित है। हमने एक्सपर्ट कमेटी बनाकर समीक्षा की थी। फिर से एक नई अपर लेवल कमेटी बनाई गई है, जो पहले कमेटी द्वारा बनी रिपोर्ट की समीक्षा करेगी। कमेटी एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। उसके बाद फैसला लिया जाएगा। । कमेटी का जो भी फैसला देगी वही मान्य होगा, अन्य पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। इससे साफ़ है कि अगर नीट परीक्षा फिर से आयोजित होती है तो सभी केंद्रों पर नहीं होगी बल्कि सिर्फ 6 सेंटर्स के लिए आयोजित की जाएगी। लेकिन फिर भी सवाल वही है कि छात्र कैसे मानें कि मात्र 6 सेंटरों में ही गड़बड़ी हुई है .. मामले को शांत करने के लिए क्या 6 सेंटरों में दोबारा परीक्षा आयोजित करने से सही नतीजे सामने आ पाएंगे ।।
आखिर हमारे देश में कब सही रूप से परीक्षाएं होंगी आयोजित
अब सवाल यह है कि आखिर हमारे देश में कब सही रूप से परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी जहां कोई गड़बड़ी न हो , इतना बड़ा तंत्र होने के बाद भी पेपर लीक और नक़ल को क्यों नहीं रोका जा सका है यह बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ है , ऐसे में मेहनत करने वाले बच्चे कहां जाएंगे यह सवाल एनटीए से पूछे जाने चाहिए ।। तो दोस्तों आपको क्या लगता है अब क्या कदम उठाने चाहिए ताकि सभी को न्याय मिल सके ।