मयंक मैनाली
नैनीताल जिले में भी सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्योगों को मिलेगा जेड प्रमाणीकरण।समय रहते जरूरी है जेड प्रमाणीकरण करवाना।
नैनीताल – एमएसएमई मंत्रालय ने 2022 में जेड (जीरो डिफेक्ट जीरो इफ़ेक्ट) प्रमाणीकरण योजना शुरू की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के विनिर्माण में दक्षता मानव संसाधन,गुणवत्ता और कम से कम प्रदूषण,वित्तीय प्रबंधन को बेहतर करना है। जिससे उद्योगों में बनने वाले उत्पादों की विनिर्माण लागत में कमी आएगी। साथ ही वेस्टेज कम होगा। साथ ही 50 से 80% तक कि सब्सिडी और महिला या शेड्युल कास्ट वर्ग की व्यावसायिक व्यक्ती हो तो उन्हे 5-10% तक की सबसिडी मुल सबसिडी पर बढा के देणे की उपयोजना है.किसी भी तरीके के व्यावसायिक आतराष्ट्रिय विमान में किराए-भाड़े में भारी छूट मिलेगी।
कार्यप्रणाली में नई तकनीक और बेहतर प्रबंधन से एमएसएमई उद्योग भी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बड़ी कम्पनियों को टक्कर दे सकेंगे।
उत्तराखंड में बीते एक साल में 103 उद्योगों को जेड प्रमाणीकरण मिला है। इसमें से पांच उद्योगों को स्वर्ण, पांच को रजत और 93 को कांस्य श्रेणी का प्रमाणीकरण मिला है।
उद्योग विभाग के डेटा के अनुसार प्रदेश में 80 हजार से अधिक एमएसएमई उद्योग स्थापित है। और नैनीताल जिले में सभी उद्योग के लिए आवश्यक है कि वे अपना जेड प्रमाणीकरण समय से करवा लें। जेड प्रमाणीकरण QCI ( भारत सरकार की स्वायत्त संस्था ) नियुक्त संस्था से बनाने में अभी कोई लागत नहीं लग रही है।
नैनीताल जिले में प्रमाणीकरण
जानकारी के लिये Zed प्रमाणपत्र राज्य अधिकारी श्री मोहित बलियान एवं श्री रोहित जोशी (8171346773) से संपर्क किया जा सकता है।
सूचना – Zed प्रमाणपत्र सभी उत्पादक एवं उत्पादन ले रही व्यवसायिक इने अनिवार्य है साथ ही सरकार की ओर से नियुक्त AHF ( सेक्शन 8 कंपनी , कॉर्पोरेट व्यवहार मंत्रालय अंतर्गत भारत सरकार ) इन्के अधिकारी से ही पांजिकृत कराये ओर प्रमाणपत्र के समय जो सरकारी निकष होंगे उनकी पूर्तता करणा उस आस्थापना की जिम्मेदारी है.