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केदार घाटी के हिमालयी भूभाग सहित सीमांत गांवों में बर्फबारी व बारिश के आगाज से काश्तकारो के चेहरे खिले।

उत्तराखण्ड

केदार घाटी के हिमालयी भूभाग सहित सीमांत गांवों में बर्फबारी व बारिश के आगाज से काश्तकारो के चेहरे खिले।

दैनिक प्रतिपक्ष संवाद प्रदीप कुमार

ऊखीमठ/श्रीनगर गढ़वाल। केदार घाटी के हिमालयी भूभाग सहित सीमान्त गांवों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में झमाझम बारिश का आगाज होने से काश्तकारों के चेहरे खिल उठे हैं तथा प्रकृति में नव ऊर्जा का संचार होने लगा है! तुंगनाथ घाटी में मौसम के अनुकूल बर्फबारी होने से स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में इजाफा होने की सम्भावनाये बन गयी है। वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मण सिंह नेगी ने बताया कि निचले क्षेत्रों में मौसम के अनुकूल बारिश होने से प्रकृति में नव ऊर्जा का संचार होने के साथ काश्तकारों की रवि की फसल के लिए शुभ मानी जा रही है। हिमालयी क्षेत्रों में बीती रात्रि से बर्फबारी होने से प्राकृतिक जलस्रोतों के जल स्तर में भी होने की सम्भावना बनी हुई है।

आने वाले कुछ घन्टों में मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो सीमान्त गाँव भी बर्फबारी से आच्छादित हो सकतें है! बता दे कि बुधवार देर सांय से ही केदार घाटी में मौसम ने करवट बदल दी थी। मौसम के करवट लेते ही हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में झमाझम बारिश शुरू हो गयी थी। गुरूवार दिन भर बर्फबारी व बारिश का सिलसिला जारी रहने से काश्तकारों के चेहरे खिल उठे हैं तथा केदारनाथ, वासुकीताल, मनणामाई तीर्थ, पाण्डव सेरा, नन्दीकुण्ड, मदमहेश्वर धाम, विसुणीताल, देवरिया ताल, तुंगनाथ, चोपता, कार्तिक स्वामी, त्रियुगीनारायण का भूभाग बर्फबारी से आच्छादित हो गया है। मौसम के अनुकूल बर्फबारी व बारिश होने से काश्तकारों की रवि की फसल सहित प्रकृति में नव ऊर्जा का संचार होने लगा है। आने वाले कुछ घन्टों में यदि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहा तो चौमासी, गौरीकुंड, चिलौण्ड, गौण्डार, रासी, गडगू, सारी सहित सीमान्त गाँव बर्फबारी से आच्छादित हो सकतें है। तुंगनाथ घाटी में यदि जमकर बर्फबारी होती है तो सैलानियों व प्रकृति प्रेमियों की आवाजाही में भारी वृद्धि होने से स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में इजाफा हो सकता है। मदमहेश्वर घाटी गैड़ बष्टी के काश्तकार बलवीर राणा ने बताया कि फरवरी माह के शुभारंभ में ही बर्फबारी व झमाझम बारिश होने से प्रकृति में नव ऊर्जा का संचार होने लगा है तथा काश्तकारों की गेहूं, जौ सरसों, मटर की फसलों के उत्पादन में वृद्धि होने की सम्भावना बनी हुई है। देवरिया ताल विकास महोत्सव समिति अध्यक्ष दिलवर नेगी ने बताया कि पर्यटक स्थल देवरिया ताल में मौसम के अनुकूल बर्फबारी होने से सैलानियों की आवाजाही हो सकती है तथा स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में इजाफा होने के साथ यहाँ पहुंचने वाले सैलानी यहाँ की खूबसूरत वादियों से रूबरू हो सकतें है। प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी ने बताया कि तुंगनाथ घाटी में मौसम के अनुकूल बर्फबारी होने से स्थानीय व्यापारियों के चेहरे खिल उठे हैं।

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