उत्तर प्रदेश
उत्तरायणी कौथिंग में बिखरी उत्तराखण्डी गीतों की सतरंगी छटा।
लखनऊ। पर्वतीय महापरिषद द्वारा आयोजित उत्तरायणी कौथिग 2023 के तृतीय दिवस के अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीना भट्ट निदेषक संस्कृति उत्तराखण्ड ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया, जिनका स्वागत महापरिषद के मुख्य संयोजक टी एस मनराल, संयोजक के एन चन्दोला, अध्यक्ष गणेश चन्द्र जोशी, महासचिव महेन्द्र रावत ने पुष्पगुच्छ देकर व महिला षाखा की सरोज खुुल्बे, मोहनी धपोला, रमेश उपाध्याय, कृपाल सिंह रावत, बी बी भट्ट एव के एन पाठक द्वारा पुष्पगुच्छ देकर मुख्य अतिथि का स्वागत व युवा शाखा के दीपक चिलकोटी एव चन्द्रकांत जोशी द्वारा प्रतीक चिन्ह प्रदान किया।
दिन की प्रतियोगिताओं में
उत्तरायणी कौथिग में प्रातः कालीन कार्यक्रमों की श्रृंखला में महिला दलों द्वारा समूह लोक नृत्य प्रतियोगिताओं का दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक आयोजन किया गया। जिसके प्रभारी गोविन्द बोरा, निर्णायक मंडल में अकांक्षा आनन्द, सरिता सिंह एवं मंजू मलकानी व संचालक रमेश उपाध्याय रहे। उत्तराखण्डी गीतों की छपेली प्रतियोगिता में 12 दलों की 60 महिला प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिसमें प्रथम हेमा मिश्रा के दल ’’अवध ड्रीम डांस एकेडमी’’, द्वितीय सरोज खुल्बे के दल ’’इन्दिरा नगर (प्रथम) तृतीय तनु संगवाल के दल ’’इन्दिरा नगर (द्वितीय) ने पुरूष्कार प्राप्त किए।
वहीं उत्तराखण्ड का मषहूर लोक नृत्य झूमिगो की प्रतियोगिता सायं 6 बजे आयोजित की गई।
जिसमें कल्याणपुर, इन्दिरा नगर, विकास नगर एवं कुर्मांचल नगर के कलाकारों ने दालों के रूप में भाग लिया, चंचल सिंह बोरा जी के नेतृत्व विकास नगर के कलाकारों ने ’’घास कटनू ईजू ऊँचा डाना मां’’ एवं ’’हे दीदी हे भूली’’ गीतों में अपनी प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रमों का संचालन राजेश भट्ट द्वारा किया गया।
उत्तरायणी कौथिग स्थल पर पर्वतीय महापरिषद चिकित्सा प्रकोष्ठ एव के जी एम यू पल्मोनरी विभाग के संयुक्त तत्वाधान में निःशुल्क चिकित्सा एवं जांच शिविर का आयोजन किया गया। पर्वतीय महापरिषद चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रभारी डा0 बी एस नेगी ने बताया कि के0जी0एम0यू0 पल्मोनरी के हेड प्रोफेसर सूर्य कांत त्रिपाठी जी ने मेला स्थल पर प्रतिदिन चिकित्सकों की टीम भेजने की व्यवस्था की ,आज षिविर डा0 सी पी गौड़, डा0 प्रियंका भट्ट, मंजू नेगी, यषराज, जगदीश बिष्ट ने अपनी सेवा प्रदान की षिविर में लगभग 250 लोगों की जांच कर औषधी वितरित की गई।
सायंकालीन सत्र के कार्यक्रम
मुख्य अतिथि ने संस्कृति के क्षेत्र में किए गए उत्तम कार्य के लिए पर्वतीय महापरिषद द्वारा दिए जाने वाले दिवान सिह डोलिया लोक कला सम्मान से एडवोकेट गणेश जोशी को साल एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान करके सम्मानित किया, स्वागत सम्बोधन करते हुए अध्यक्ष गणेष जोषी ने कहा निदेषक संस्कृति बीना भटट का हमें बहुत सहयोग सांस्कृतिक टीमों को प्रदान करने में मिलता है।
मुख्य संयोजक टी एस मनराल ने आये सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया।
उत्तराखण्ड से आए कुमायुं लोक सांस्कृतिक कला दर्पण लोहाघाट, चम्पावत के मेहमान कलाकारों द्वारा भैरव राय के नेतृत्व व गायक प्रदीप कुमार, कमल कुमार, गायिका मंजू एवं हेमा, म्युजिषियन पंकज, जीवन सिंह मेहता, प्रकाष राय, विरेन्द्र सिंह, गौरी, विकास, निकिता आर्या, निकिता फर्तयाल, अमन, विनोद, विनय, अदिति, कमला, भूमिका, सुमन द्वारा तेरी झुकी नारायन (वन्दना), तेरी रंगीली पिछोड़ी, रंगीली भाना, छमला बिलोरी, झोड़ा-चांचरी के गीतों से शानदार प्रस्तुतियां दी गईं। गीतों में मुख्य आकर्षण कृषि आधारित गीत ’’मोतिया बल्द’’ रहा।
कौथिंग स्थल पर उत्तराखण्ड, बागेश्वर का सुप्रसिद्ध वाद्ययन्त्र ’’हुड़का’’ का स्टाल भी लगा है, जिसको कि उत्तराखण्ड के विषेष पर्वों व स्थानीय देवी देवताओें को जागर के माध्यम से आमंत्रित करने एवं विभिन्न उत्सवों लोक गीतों व लोेक नृत्यों में बजाया जाता है।
उत्तराखण्डी खाद्य प्रदार्थो के स्टाल गहत,राजमा,भटट,झवरा,मटुवे का आटा,जखया, बुरास का जूस,आवले,माल्टे का जूस, लोहे के बर्तन,कडाई,तवा, दरान्ती , ड्राई फूरूटस, अचार नीबू, आवला, अदरक, लहसुन व ऊनी कपड़े सहित कई स्टाल्स है।