उत्तराखण्ड
युवाओं, बच्चों में बढ़ता मानसिक रोग,,,,,
हल्द्वानी। अनियमित दिनचर्या, मोबाइल पर ज्यादा समय आदि कारणों से मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ने लगी है। इनमें युवाओं के साथ छोटी उम्र के बच्चे भी शामिल हैं। अगर पीड़ित को समय पर इलाज नहीं मिला तो आगे अवसाद की गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
एसटीएच के मानसिक रोग विभाग में प्रतिदिन 90 से अधिक केस सामने आ रहे हैं। इनमें बच्चे और 20 से 30 वर्ष के युवा भी शामिल हैं। साइकेट्रिस्ट डॉ. निकिता देउपा के अनुसार प्रतिदिन 18 से 20 बच्चे भी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। कई बच्चे ऐसे आ रहे हैं जो भीतर से परेशान हैं और सोशल मीडिया पर बेहतर होने का दिखावा कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर किसी को खुश देखते हैं तो उनसे तुलना करने लगते हैं लेकिन परेशानी से निकलने का कारण नहीं खोजते। यह परेशानी हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रही है। इनमें खासकर एंग्जायटी, घबराहट के लक्षण देखने को मिल रहे हैं।











