बागेश्वर
बागेश्वर में जल रहे जंगल, हाई टेंशन लाइन से कई हेक्टेयर जंगल जले
बागेश्वर : जिले के जंगलों में लगातार आग लग रही है। जिससे तापमान में वृद्धि हो गई है। दिन में पारा 32 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। धुएं ने लोगों को परेशान कर दिया है। वन विभाग ने भी चेतावनी जारी कर दी है। सेटेलाइट से आग लगाने वालों पर निगाह रखी जा रही है। घास के लिए आग लगाने वालों को भी सावधान कर दिया है। 15 फरवरी से 15 जून तक जंगलों में आग लगने का समय होता है। लेकिन इस बार जनवरी से ही छुटपुट घटनाएं होने लगी थी। अप्रैल में सबसे अधिक घटनाएं हो रही हैं। जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच गया है। वन्य जीव संकट में हैं। जंगलों में लगी आग के बाद पशु, पक्षी और जानवरों ने गांवों की तरफ रुख कर दिया है। पानी के स्त्रोत भी सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं। वायु प्रदूषण बढ़ने से लोगों की बेचैनी बढ़ गई है। वहीं, वन विभाग भी अब कार्रवाई के मूड में है।
आपको बता दें कि वन क्षेत्राधिकारी श्याम सिंह करायत ने कहा कि कुछ लोग घास के लालच में आग लगा रहे हैं। राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार पकड़े जाने पर सश्रम कारावास भी हो सकता है। राज्य सरकार ने जंगलों में आग लगाने वालों की पहचान करने के लिये एक विशेष प्रकार का सेटेलाइट ट्रेकर बनाया है। जिससे आसानी से आग लगाने वालों की पहचान की जा सकती है। इसके अलावा प्रत्येक क्षेत्र में गुप्त मुखबिर रखे गए हैं। जो प्रशासन को आग लगाने वालों की गुप्त सूचना देंगे। सूचना देने वाले को शासन-प्रशासन नगद पुरस्कार भी प्रदान करेगा। अभी तक 170 हेक्टेयर से अधिक भू-भाग में आग लग गई है। पेड़, पौधे, जीव-जंतु संकट में हैं। पर्यावरण दूषित हो रहा है। पहाड़ की सुंदर वादियों में धुएं का जहर घोलने वालों पर अब कार्रवाई तय है।
राज्य आंदोलनकारी हीरा बल्लभ भट्ट का कहना है कि जंगलों की आग पर बिना समय गंवाए यदि कोई ठोस एवं प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो ऐसे दुर्लभ वन्यजीवों का ग्रामीण क्षेत्रों में और दखल बढ़ेगा जिसके कारण दोनो के बीच में आपसी संघर्ष को रोकना जिम्मेदार महकमों के लिए काफी मुश्किल होगा। सामरिक महत्व के लिए हिमालयी राज्यों से होने वाला मानव पलायन देश हित में नही माना जा सकता है।