उत्तराखण्ड
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा मजदूर दिवस पर नई दिल्ली जंतर-मंतर में संसद घेराव एवं जनसभाआयोजित।
श्रीनगर गढ़वाल – राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा आज मजदूर दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में संसद मार्च का कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर देशभर के हजारों कार्मिक जंतर मंतर पर एकत्र हुए। जहां राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत के नेतृत्व में देश के विभिन्न राज्यों से आए हजारों कार्मिकों ने पुरानी पेंशन के लिए आवाज बुलंद की। जंतर-मंतर पर एक सभा का आयोजन किया गया। भारी बारिश के बावजूद भी कर्मचारी अपनी इस मांग के लिए जंतर मंतर पर डटे रहे। बारिश के दौरान ही कर्मचारियों ने संसद मार्च प्रारंभ किया। कर्मचारियों को जंतर मंतर के बैरिकेड में ही रोक दिया गया और अर्द्ध सैनिक बल और पुलिस के बीच कर्मचारियों की तीखी नोकझोंक हुई। काफी देर झड़प के बाद के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन प्रेषित किया गया। सभा को संबोधित कर करते हुए विभिन्न प्रदेशों के पदाधिकारियों ने ऐलान किया कि यदि केंद्र सरकार 2024 से पूर्व पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती है तो इसका खामियाजा उसे लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। वक्ताओं ने एक सुर में मोदी सरकार एवं उन प्रदेशों की सरकार की निंदा की जहां पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई है।
वक्ताओं ने पांच राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए उन राज्य सरकारों का धन्यवाद भी किया और संकल्प लिया कि सभी कार्मिक अपने-अपने प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश के कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन बहाली की मांग जारी रखेंगे। वक्ताओं ने कहा कि एक ओर विधायक एवं सांसद हर बार निर्वाचित होने पर पुरानी पेंशन का लाभ लेते हैं, वही एक कर्मचारी 60 वर्ष कि आयु तक सेवा करने के बाद भी पुरानी पेंशन से वंचित रहता है। सेवानिवृत्ति पर उसे केवल 1000 से ₹2000 तक ही पेंशन प्राप्त होती है। जिससे उसे समाज में शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ती है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वह एक कार्मिक के बुढ़ापे का सहारा न छीनें और जीपीएफ आधारित पुरानी पेंशन बहाल करें।
कार्यक्रम में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जयदीप रावत, प्रदेश प्रभारी विक्रम रावत,प्रदेश महिला अध्यक्ष बबिता रानी,प्रदेश पूर्व अध्यक्ष अनिल बडोनी,डॉ कमलेश मिश्रा, पूरण फ़र्शवान, नरेंद्र पटवाल,रवि बगोटी,गणेश भट्ट,मुकेश बहुगुणा,आशुतोष सेमवाल, माखन लाल शाह,मनोज काला,संतोष खण्डूरी, अजय बिष्ट,प्रवीण रावत,राकेश रावत,राजीव उनियाल,संदीप मैठाणी, नरेश भट्ट,शंकर भट्ट,रणवीर सिधवाल,डॉ.बृजमोहन रावत,सतीश कुमार,रेखा बिष्ट,सीमा पुण्डीर, मीनाक्षी सती,कमला बिष्ट, जमयन्ती नेगी,सरोज गुसाईं,डॉ नवीन सैनी,विवेक सैनी,हरेंद्र सैनी,रविंद्र रौड,दिनेश लखेड़ा,अंकित रौथाण,प्रवीन कुमार,आशीष केमनी,प्रदीप डोभाल,अनसूया जुगरान आदि के नेतृत्व में उत्तराखण्ड से हजारों कार्मिको द्वारा दिल्ली में संसद घेराव कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया।