उत्तराखण्ड
किसी ने नही ली सुध गनाई की इन दो बहिनों की। शौचालय विहीन खस्ताहाल मकान में नही है बिजली, सिस्टम पर उठ रहे सवाल।
चौखुटिया (अल्मोड़ा)। नगर पंचायत के गनाई वार्ड निवासी इन दो बहिनों की व्यथा हमारे पंगु हो चुके सिस्टम की हकीकत बयां करने को काफी है। दोनों बहिने जिस मकान में रहती हैं वह टूटने की स्थिति मेें है। बिजली न होने से गर्मी से बचने को रात में भी दरवाजा खोलकर सोने की मजबूरी है तो शौचालय के अभाव में खुले में शौच के लिए जंगल जाना पड़ता है। चारों तरफ गुहार लगाई पर कोई सुनवाई नही हुई।
गरीब को रहने को छत और हर घर में शौचालय निर्माण के पीएम नरेंद्र मोदी के सपने को अधिकारी पलीता लगाने में लगे हैं। चौखुटिया नगर पंचायत से लगे गनाई वार्ड में रहने वाली कु.मंजू तिवारी (35) पुत्री स्व्. ईश्वरी दत्त तिवारी व मायके में ही रहने वाली उनकी बड़ी बहिन मुन्नी देवी के हाल को देखकर तो यही प्रतीत हो रहा है।..दोनों बहिनें जिस पुराने मकान में रहती हैं उसकी स्थिति ठीक नही है। मकान में बिजली का कनैक्शन भी नही है जिसके चलते दोनों के लिए भरी गर्मी में समय बीताना मुश्किल हो रहा है। लोग बताते हैं कि दिन में दोनों बहिनें किसी पेड़ के नीचे चली जाती हैं जबकि रात को गर्मी के चलते दरवाजा खोलकर सोने की मजबूरी है। इसमें भी जंगली जानवरों आदि का भय बना रहता है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि इनके पास एक अदद शौचालय तक नही है। जिसके चलते दोनों बहिनें जंगल में खुले में शौच को मजबूर हैं। कभी -कभी पड़ोसी भी अपने शौचालय के इस्तेमाल की अनुमति दे देते हैं। मंजू बीमार ही रहती हैं जबकि बड़ी बहिन मुन्नी देवी ऊंचा सुनती हैं। मुन्नी देवी के पति उनका परित्याग कर चुके हैं जिसके चलते वह छोटी बहिन के साथ मायके में ही रहती है। दोनों के माता-पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। अंत्योदय का कार्ड है उससे मिलने वाले राशन से जीविकोपार्जन करते हैं l
दोनों बहिनें लिखना पढ़ना नही जानती हैं अंगूठा लगाती हैं। लोगों ने इनकी मदद के लिए हर तरफ गुहार लगाई पर कोई सुनवाई नही हुई l
गांव के युवा सामाजिक कार्यकर्ता अज्जू नैनवाल ने बताया कि वे इनका प्रार्थना पत्र कई लोगों को दे चुके हैं पर सुनवाई नही हुई।
कहीं कागजों में ही दफन तो नही हो गया शौचालय
दोनों बहिनें अंगूठा लगती हैं। जिसके चलते कहीं ऐसा तो नही है कि कागजों में शौचालय दिखाकर रकम कोई और डकार गया हो। कुछ लोगों ने दबी जुवान इस तरह की आशंका व्यक्त की है। चाहे जो भी हो मामले में जांच के बाद हकीकत सामने आ जाएगी। वर्तमान समय में किसी परिवार का शौचायल विहान होने का इस तरह का यह मामला अनोखा है। जिसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय कर कार्रवाई जरूरी है।
इन्सेट
नगर पंचायत बने अभी कुछ ही समय हुआ है। इसलिए दोनों बहिनों को शौचालय आदि क्यों नही मिल पाया इसके बारे में तो ग्राम्य विकास विभाग के पूर्ववर्ती अधिकारी ही बता सकते हैं। नगर पंचायत में प्रधानमंत्री स्वच्छा भारत योजना के तहत शौचालय व प्रधानमंत्री योजना के तहत आवास स्वीकृत किए जाते हैं। उपलब्ध होते ही दोनों बहिनों को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत किए जाएंगे।
विजय सिंह कनवासी
अधिशासी अधिकारी
नगर पंचायत चौखुटिया