नैनीताल
नैनीताल में अब कैंची धाम के नाम से बनी तहसील : लोगों में है खुशी, साथ ही राज्य में इन जगहों के नाम भी बदले ।।
भारत सरकार ने बदला इस तहसील का नाम
नैनीताल – आज के इस लेख में बात करेंगे हजारों हिंदुओं से जुड़े उस स्थान की बात जिसकी चर्चा आजकल देश ही नहीं दुनिया में है, जो हिंदुओं का सबसे पवित्र स्थान है, जिस स्थान में आकर सभी के कष्ट दूर हो जाते हैं जिस स्थान को पिछले कुछ सालों में दुनिया ने खूब पसंद किया है, और वह अपने जीवन में यहां आना चाहते हैं क्योंकि अब उसी स्थान के नाम से एक बड़े क्षेत्र को जाना जाएगा , जैसा कि आपको पता है पिछले कुछ समय से भारत में नाम बदलने की परंपरा खूब चली है ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्टाइल में धामी
इस नाम बदलने की परंपरा को सबसे ज्यादा बल उत्तर प्रदेश से मिला है , जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनेक शहरों के नाम बदलकर उनको अपने पुराने नाम के साथ जोड़ा या उन्हें धार्मिक और सांस्कृतिक आधार के साथ पर जोड़ा , उनके नाम पर शहर के नाम रख दिए गए , अब उनके ही कदमों में चल रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उत्तराखंड से जुड़े हुए कुछ क्षेत्रों का नाम बदलने का प्रयास कर रहे हैं और वही दो में तो उन्हें सफलता भी मिल गई है, जिससे उनकी उत्तराखंड में तारीफ हो रही है और लोग खुश नजर आ रहे हैं।
कोश्याकुटोली तहसील का नाम बदलकर हुआ परगना श्री कैंची धाम
जी हां भारत सरकार ने नैनीताल जिले की तहसील कोश्याकुटोली का नाम बदलकर परगना श्री कैंची धाम करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी ,क्षेत्रीय जनता और बाबा नीब करोरी महाराज के भक्तों ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है. उत्तराखंड सरकार की ओर से भेजे गए तहसील का नाम बदलने के इस प्रस्ताव को भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है. उत्तराखंड सरकार कैंची धाम में आने वाले भक्तों के लिए जरूरी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कोशिश कर रही है.
कैंची धाम एक बहुत ही प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल बना
गौरतलब है कि कैंची धाम एक बहुत ही प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल है. इसे नीम करौली बाबा के आश्रम के तौर पर भी जाना जाता है. कैंची धाम के नीम करौली बाबा के भक्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यहां बड़ी संख्या में भक्तों के साथ पर्यटक भी पहुंचते हैं. इसलिए अब लोग खुश हैं कि कैंची धाम के नाम से एक तहसील बन गई है
जोशीमठ का नाम भी बदला
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ का नाम भी बदल दिया है. अब जोशीमठ का नाम बदलकर ज्योतिर्मठ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. उत्तराखंड सरकार ने स्थानीय लोगों की लंबे समय से की जा रही मांग के बाद बीते साल यह प्रस्ताव केंद्र को भेजा था.जोशीमठ भी हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है. इसे आदि गुरु शंकराचार्य की तपोस्थली के तौर पर जाना जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक आदि गुरु शंकराचार्य 8वीं सदी में जोशीमठ आए. इसके बाद उन्होंने यहां अमर कल्पवृक्ष के नीचे तपस्या कर दिव्य ज्ञान ज्योति प्राप्त की. गौरतलब है कि जोशीमठ, जो अब ज्योर्तिमठ कहलाएगा वह उत्तराखंड के बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और केदारनाथ जैसी प्रसिद्ध तीर्थस्थलों का प्रवेश द्वार भी है.