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बसंत पंचमी पर स्वच्छ महाकुम्भ का संकल्प हुआ साकार।

उत्तर प्रदेश

बसंत पंचमी पर स्वच्छ महाकुम्भ का संकल्प हुआ साकार।

रिपोर्टःशनि केशरवानी

  • घाटों और मेला क्षेत्र को निरंतर साफ करते रहे 15 हजार से अधिक सफाई मित्र
  • अमृत स्नान के लिए आ रहे अखाड़ों के मार्ग पर किए गए सफाई के विशेष प्रबंध
  • क्विक रिस्पांस टीम रही सक्रिय, श्रद्धालुओं ने भी की मेले में स्वच्छता की प्रशंसा
  • घाटों पर वस्त्र आदि छोड़कर जाने वालों श्रद्धालुओं को गंगा सेवा दूतों ने समझाया

महाकुम्भनगर, 3 फरवरी। बसंत पंचमी पर तीसरे अमृत स्नान पर महाकुम्भ मेला क्षेत्र में स्वच्छता के विशेष इंतजाम किए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में महाकुम्भ मेला क्षेत्र को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने का संकल्प लिया गया है, जिसे स्पष्ट रूप से मेला क्षेत्र में देखा जा सकता है।

श्रद्धालु बिना कठिनाई के स्नान कर सकें, इसके लिए महाकुम्भ मेला क्षेत्र में 44 घाट बनाए गए हैं। घाटों और 4200 हेक्टेयर में फैले मेला क्षेत्र की सफाई के लिए 15,000 सफाई मित्र और 2500 से अधिक गंगा सेवा दूत दिन-रात जुटे रहते हैं। बसंत पंचमी पर सफाई का विशेष ध्यान मेला प्राधिकरण ने रखा। सभी घाटों को निरंतर साफ कर श्रद्धालुओं के लिए तैयार किया जाता रहा। अमृत स्नान के लिए अखाड़े जिस मार्ग से संगम आए, उन्हें रात से साफ किया जाता रहा।

मेला प्राधिकरण की विशेष कार्याधिकारी आकांक्षा राना ने बताया कि घाटों और मेला क्षेत्र में क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) सक्रिय रही। मेला क्षेत्र में जहां कहीं गंदगी होती, उसे तत्काल क्यूआरटी टीम साफ कर कूड़े को मेला क्षेत्र के बाहर भिजवाती। विशेषकर अखाड़ों के मार्गों को न केवल स्वच्छ रखा गया, बल्कि उन पर पानी का छिड़काव भी होता रहा। उन्होंने बताया कि नाविकों और स्टीमर की मदद से पावन गंगा और संगम की सफाई होती रही। सभी घाट श्रद्धालुओं के लिए तुरंत-तुरंत तैयार कर दिए जाते। बसंत पंचमी पर आए श्रद्धालुओं ने महाकुम्भ मेला क्षेत्र में स्वच्छता और व्यवस्थाओं की प्रशंसा की है। हरिद्वार के साहिल मेहता ने बताया कि घाट साफ हैं। मेला क्षेत्र में कूड़ा नजर नहीं आता। जगह-जगह कचरा पात्र रखे हैं। सफाई कर्मी मेला क्षेत्र में अपने कार्य को अंजाम देते दिखते हैं।

घाटों पर स्नान के बाद बड़ी संख्या में लोग अपने वस्त्र आदि छोड़कर चले जाते हैं, जिससे अन्य श्रद्धालुओं को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। आकांक्षा राना ने बताया कि वस्त्र आदि वस्तुओं को लोग घाट पर न छोड़ें, इसे लेकर भी गंगा सेवा दूत विशेष रूप से लोगों को समझते रहे। मेला क्षेत्र में खुले में शौच रोकने के लिए विशेष अभियान मेला प्राधिकरण की ओर से चलाया जा रहा है। सफाई मित्र, गंगा सेवा दूत एवं अन्य अधिकारी ऐसा करने वालों को शौचालय का उपयोग करने के लिए प्रेरित करते हैं। लोगों की सुविधा के लिए मेला क्षेत्र में डेढ़ लाख शौचालय बनाए गए हैं।

सफाई मित्रों को दीं कई सुविधाएं
मेले में स्वच्छता का ध्यान रख रहे सफाई मित्रों के लिए योगी सरकार ने कई सुविधाएं दी हैं। जिला बांदा से महाकुम्भ के सेक्टर-24 में अपनी सफाई मित्र की भूमिका को निभा रहे सुनील हों या जिला फतेहपुर के सोनू, इन्हें आवास, राशन, शुद्ध पेयजल, चिकित्सा, बच्चों के लिए स्कूल आदि की सुविधा योगी सरकार द्वारा दी जा रही है। सोनू ने बताया कि सफाई मित्रों को एक अलग से सम्मान मिल रहा है। यह महाकुम्भ सच में अद्भुत है।

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