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प्रतिभावान छात्रो की पढ़ाई के लिए राजकमल कॉलेज दे रहा है सुनहरा अवसर

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प्रतिभावान छात्रो की पढ़ाई के लिए राजकमल कॉलेज दे रहा है सुनहरा अवसर

हरिद्वार: राजकमल साइंस एंड मैनेजमेंट कॉलेज बहादराबाद हरिद्वार द्वारा प्रतिभावान छात्रो को बी.एससी, बी.कॉम, एम.कॉम, एम.एससी (रसायन विज्ञान) डिग्री हासिल करने के लिए सुनहरा अवसर प्रदान कर रहा है। राजकमल कॉलेज की प्रबंध समिति ने निर्णय लिया कि जो छात्र राजकमल कॉलेज से डिग्री प्राप्त करना चाहते हैं उनके लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा की है।राजकमल कॉलेज ने अपनी कड़ी मेहनत , लगन व अपने अनुशासन और उत्कृष्ठ पठन-पाठन से बहुत ही कम समय में जनपद में अपनी अलग पहचान बनायी है।कॉलेज अपनी सफलता का श्रेय अपने छात्रों को देता है। कॉलेज अपने छात्रों को उच्च शिक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है, कॉलेज में छात्रों के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। राजकमल कॉलेज ने अपने विविधापूर्ण पाठ्यक्रमों, योग्य फैकल्टीज, इन्फ्रास्ट्रॅक्चर, प्रयोगशाला के माध्यम से उद्योगों, शिक्षा और समाज के सामने आ रही चुनौतियों सहित स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक मुद्दों के समाधान के लिए शोध-आधारित वातावरण निर्मित किया है। हर कोई छात्र यह सुनिश्चित करना चाहता है कि उसे भविष्य के अवसरों के अनुरूप अच्छी योग्य और उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिले। राजकमल कॉलेज में पारंपरिक शिक्षण पद्धतियों के मूल्यों को बरकरार रखते हुए आधुनिक शिक्षण विधियों और सुविधाओं को अपनाया गया है। 12 वीं पास करने के बाद छात्रों के सामने सबसे बड़ी समस्या होती है कि वह किस क्षेत्र में अपना करियर बनायें। उससे भी ज्यादा जरूरी है कि वह जिस भी क्षेत्र को करियर बनाने के लिए चुनते हैं, उसके लिए एक अच्छे संस्थान का चुनाव करें। आज के आधुनिक युग से जुड़ने व उसे समझने के लिए उनके विषय के अनुरूप आधुनिक प्रयोगशाला मौजूद हों। छात्र के कौशल को पूरी तरह से उभारने के लिए राजकमल कॉलेज अहम भूमिका निभा रहा है। आज शैक्षिक विचारधारा में महान् परिवर्तन हो गया है। वर्तमान समय में छात्रो को शिक्षित करने का अर्थ, यह नहीं कि उसे सिर्फ लिखना-पढ़ना सिखा दिया जाये। आज शिक्षा का उद्देश्य छात्रो का सर्वांगीण विकास करना है। जिसमें छात्रो का बौद्धिक, शारीरिक, नैतिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक आदि सभी दृष्टि से विकास होना। यह विकास सिर्फ कक्षा में पढ़ायी गयी पाठ्य-सामग्री से संभव नहीं है। अतः इसके लिए संस्थान में अन्य क्रियाओं का आयोजन किया जाता है। आज इन क्रियाओं को पाठ्यक्रम का अभिन्न अंग माना जाता है। पाठ्य-सहगामी क्रियाओं का क्षेत्र बड़ा व्यापक है। इसके अंतर्गत कई तरह की क्रियाएं आती हैं; जैसे- खेलकूद, व्यायाम, सांस्कृतिक कार्यक्रम, वाद-विवाद प्रतियोगिता इत्यादि।

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