उत्तराखण्ड
रानीखेत निवासी तरन्नुम बनी, उत्तराखंड की पहली महिला आरक्षी घर पहुंचने पर हुआ जोरदार स्वागत
रानीखेत लड़के हमेशा सेना में जाकर देश सेवा करने के लिए आगे रहते हैं। लेकिन उत्तराखंड की बेटियां भी इस फील्ड में पीछे नहीं है। रानीखेत के कुरैशियान मोहल्ले की रहने वाली तरन्नुम कुरेशी ने बचपन के शौक को पूरा कर सभी बालिकाओं के लिए एक मिसाल पेश की है। आपको बता दें कि अल्मोड़ा जिले की बेटी ने इतिहास रच दिया है। रानीखेत निवासी तरन्नुम कुरैशी ITBP में भर्ती होने के बाद पहली महिला आरक्षी बन गई है। जिसके बाद उनके गृह क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। 6 महिने का कठिन प्रशिक्षण प्राप्त कर घर पहुंची तरन्नुम का लोगों ने फूल मालाओं के साथ स्वागत किया. .
वहीं बिटिया की कामयाबी को देख महिलाओं की आंखों में आंसू छलक पड़े. बता दें की तरन्नुम बचपन से मेधावी छात्रा रही हैं. तरन्नुम ने राजकीय बालिका इंटर कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की थी. सेना में जाने का उनका बचपन से ही शौक रहा है उनका कहना है कि उन्हें माता पिता ने भी इसके लिए प्रेरित किया था. जानकारी के अनुसार
तरन्नुम ने बताया की 2021 में ट्रेनिग के लिए पंचकूला गई. जहां भर्ती प्रक्रिया में देश के 600 केडेट्स का चयन हुआ. जिसमें 77 बालिकाओं ने सफलता हासिल की. जिनमें से तरन्नुम को उत्तराखंड राज्य से एक मात्र बालिका आरक्षी बनने का अवसर प्राप्त हुआ है.
वहीं बालिकाओं के नाम संदेश देते हुए तरन्नुम ने कहा कि बालिकाएं हर क्षेत्र में प्रतिभाग कर रही है लेकिन अर्द्धसैनिक बलों में प्रदेश स्तर पर अभी बालिकाओं की संख्या कम है. उन्होंने बालिकाओं से अधिक से अधिक संख्या में सेना की भर्तियों में प्रतिभाग करने की अपील की है.