उत्तराखण्ड
स्कूलों पर होगी कार्यवाही,,,,,,
हल्द्वानी। सत्र शुरू होते ही शहर के कुछ निजी स्कूलों की कॉपियों और किताबों को लेकर मनमानी शुरू हो जाती है। इससे अभिभावकों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है। कभी एनसीईआरटी के अलावा निजी पब्लिकेशन की किताबें तो कभी महंगी कॉपियां मंगाकर परेशान किया जाता है।
निजी स्कूलों में शिक्षा तेजी से महंगी होती जा रही है। नया शैक्षिक सत्र शुरू होते ही अभिभावक पर एडमिशन खर्च, एनुअल फीस के अलावा महंगी कॉपी-किताबों और ड्रेस का बोझ पड़ता है। अभिभावक सबसे ज्यादा दिक्कत तब होती है जब कुछ स्कूल संचालक कॉपी-किताबों और ड्रेस के लिए दुकानदार निर्धारित कर देते हैं।
ऐसे में किसी अन्य बुक सेलर के वहां, वही किताबें | और कॉपियां महंगे दामों पर खरीदनी पड़ती हैं।
निजी विद्यालयों ने नर्सरी में प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही अन्य कक्षाओं में भी प्रवेश होंगे। अभिभावकों इन दिनों शहर के प्राइवेट स्कूलों के चक्कर काट रहे हैं। ऐसे में वह किसी भी विद्यालय में प्रवेश से पहले उस स्कूल में लागू पुस्तकों के मूल्य की सूची विद्यालय की वेबसाइट पर चेक कर लें। बीईओ तारा सिंह ने शहर के सभी निजी स्कूलों को विद्यालय में लागू पुस्तकों के रेट विद्यालय की वेबसाइट पर डालने के निर्देश दिए हैं।
नियमों के तहत एनसीईआरटी की पुस्तकों से पढ़ाई होनी चाहिए। बीईओ तारा सिंह ने बताया कि निजी स्कूलों को बुक सेलर निर्धारित करने का कोई अधिकार नहीं है। यदि कोई स्कूल बुक सेलर निर्धारित करता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।











