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सोमवती कुशा ग्रहणी अमावस्या।

धर्म-संस्कृति

सोमवती कुशा ग्रहणी अमावस्या।

02 सितम्बर 2024 दिन सोमवार को सोमवती कुशा ग्रहणी अमावस्या मनाई जाएगी।
अमावस्या तिथि में वृद्धि होने के कारण स्नान दानार्थ भौमवती अमावस्या दिनांक 3 सितंबर 2024 मंगलवार को रहेगी।
अमावस्या तिथि सोमवार को होने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है।
कुशाग्रहणी अमावस्या का अर्थ है वर्ष भर के लिए कुशा संग्रह का दिन। हिंदू धर्म में कुशा का विशेष महत्व है कुशा एक पवित्र घास है जिसके बिना हिंदू धर्म में कोई भी धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण नहीं माना जाता। एकत्रित करने का तात्पर्य यह है यह एक ऋतु संबंधी घास है जो की ग्रीष्म , बरसात के मौसम में अधिक उत्पन्न होती है और शीत ऋतु मे सूखना प्रारंभ कर देती है इसलिए इसको संग्रहित करके वर्ष भर के लिए रखा जाता है।

धार्मिक मन्यतानुसार सोमवती अमावस्या पर स्नान-दान करने की भी परंपरा है। तथा सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है गंगा स्नान से सभी कष्टों का नाश होता है। यदि किसी कारणवश जो जातक गंगा स्नान नहीं कर पाते हैं वे किसी भी नदी या सरोवर तट आदि में स्नान कर सकते हैं। क्योंकि सोमवार भगवान शिव शंकर एवं देवी पार्वती को समर्पित है अतः जो भी जातक भगवान भोले शंकर एवं देवी पार्वती की पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है एवं अटल सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
मुहूर्त
अमावस्या तिथि प्रारंभ 2 सितंबर 2024 दिन सोमवार प्रातः 5:24 से 3 सितंबर 2024 दिन मंगलवार प्रातः 7:27 तक।
उपाय
सोमवती अमावस्या पितरों के निमित्त ब्राह्मण या किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न वस्त्र दान करें।
पीपल के वृक्षों पर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें घर में सभी प्रकार की नकारात्मक उर्जाएं समाप्त होंगी।
भौमवती अमावस्या पर हनुमान जी के चरणों में सिंदूर व लड्डू अर्पित करें तथा तीन बार सायं काल हनुमान चालीसा का पाठ करने से कर्ज से मुक्ति मिलेगी।

संपर्क सूत्र
8395806256

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