उत्तराखण्ड
चुनाव से पहले मुफ्त रेवड़ियों का एलान सही नहीं ।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव से पहले मुफ्त उपहारों (रेवड़ियां) की घोषणा की प्रथा को अस्वीकार करते हुए कहा कि लोग काम करने के लिए तैयार नहीं हैं, क्योंकि उन्हें मुफ्त राशन और पैसा मिल रहा है। शीर्ष अदालत ने पूछा, राष्ट्र के विकास में योगदान देकर उन्हें मुख्यधारा के समाज का हिस्सा बनाने के बजाय, क्या हम परजीवियों का एक वर्ग नहीं बना रहे हैं?











