उत्तर प्रदेश
मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक।
गोवंश के लिए हरे चारे की अधिकाधिक उपलब्धता के लिए किसानों को गोष्ठियों के माध्यम से प्रेरित किए जाने की आवश्यकता : मुख्यमंत्री
किसानों से हरा चारा खरीदकर गोशालाओं को उपलब्ध कराया जाए, इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी
भूसे और हरे चारे के लिए वेयरहाउस बनाने के निर्देश
लखनऊ –गो-आश्रय स्थलों में शत-प्रतिशत सी0सी0टी0वी0 लगाने, सड़क किनारे स्थित ग्रामों के पशुपालकों के गोवंशों के गले में रेडियम पट्टी लगाने, ग्रीष्म एवं शीत ऋतु से बचाव के लिए गो-आश्रय स्थलों में पफ पैनल की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, सम्बन्धित उपजिलाधिकारी और खण्ड विकास अधिकारी गो-आश्रय स्थलों का नियमित निरीक्षण करें
सभी निराश्रित गो-आश्रय स्थलों पर केयरटेकर की तैनाती हो और इनके कार्यों का सतत अनुश्रवण किया जाए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी आवास पर पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने गोवंश के लिए हरे चारे की अधिकाधिक उपलब्धता के लिए किसानों को प्रेरित किए जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि किसानों को प्रेरित करने के लिए गोष्ठियों का आयोजन किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों से हरा चारा खरीदकर गोशालाओं को उपलब्ध कराया जाए, इससे किसानों की आय में वृद्धि भी होगी। उन्होंने कहा कि जनपदों में हरे चारे की खपत का आकलन करते हुए मांग के अनुसार हरे चारे के उत्पादन के लिए किसान और एफ0पी0ओ0 से सम्पर्क किया जाए। उन्होंने किसानों को हरे चारे का उचित मूल्य दिए जाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे हरे चारे के उत्पादन के प्रति किसानों का रुझान बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदारी जिलाधिकारी को दी जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को भूसे और हरे चारे के लिए वेयरहाउस बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मकई, ज्वार, बाजरा और बरसीम आदि हरा चारा तीन से चार माह चल जाता है। ऐसे में इसके लिए वेयरहाउस बनाएं। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी जिलाधिकारी को सौंपने के निर्देश दिए, ताकि उसकी प्रॉपर मॉनीटरिंग हो सके। उन्होंने गो-आश्रय स्थलों में शत-प्रतिशत सी0सी0टी0वी0 लगाने, सड़क किनारे स्थित ग्रामों के पशुपालकों के गोवंशों के गले में रेडियम पट्टी लगाने, ग्रीष्म एवं शीत ऋतु से बचाव के लिए गो-आश्रय स्थलों में पफ पैनल की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री जी ने निराश्रित गो-आश्रय स्थलों की व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, सम्बन्धित उपजिलाधिकारी और खण्ड विकास अधिकारी इन स्थलों का नियमित निरीक्षण करते रहें। सभी निराश्रित गो-आश्रय स्थलों पर केयरटेकर की तैनाती हो और इनके कार्यों का सतत अनुश्रवण भी किया जाए। उन्होंने निराश्रित गो-आश्रय स्थलों पर छायादार वृक्ष लगाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में अच्छी व्यवस्था के लिए नगर विकास विभाग और ग्राम्य विकास विभाग भी सहयोग करे।