उत्तराखण्ड
जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
नैनीताल – जिलाधिकारी वंदना सिंह की अध्यक्षता में आज गुरूवार को जिला कार्यालय नैनीताल में पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने सीएम हेल्पलाइन की समस्याओं, विभागीय कार्यों, कामिकों के सम्बन्ध में जानकारी लेते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने समीक्षा के दौरान पशु विभाग की सीएम हेल्पलाइन पर लंबित शिकायतों को गम्भीरता से लेते हुए निर्देश दिये कि कल तक सभी शिकायतकर्ताओं से वार्ता करते हुए निस्तारण कर सीएम हेल्पलाइन पोर्टल में अपलोड करना सुनिश्चित करें। यदि कल तक निस्तारण की कार्यवाही पूर्ण नहीं की गई तो जिम्मेदार अधिकारियों पर दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने कहा कि अधिकारी पशुपालकों से सम्बन्धित जनसमस्याओं को गम्भीरता से लें समस्या मिलने पर उनसे वार्तालाप करते हुए तत्काल प्रभाव से पशु चिकित्सक टीम भेजकर समस्याओं का निदान करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पशु विभाग एक अहम विभाग है जो ग्रामीण क्षेत्रों स्वरोजगार देने का कार्य करता है। इसलिए विभाग को अपनी जिम्मेदारी के साथ कार्य करते हुए क्षेत्र की जलवायु एवं परिस्थिति के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को दुग्ध उत्पादन, कुकुट पालन, बकरी पालन एवं अन्य पशु पालन के लिए लोगों को प्रेरित करना चाहिए। ताकि अधिक से अधिक गॉव के आमजनमानस की आर्थिकी में सुधार किया जा सके। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये हैं कि जिन स्थानों पर पशुधन प्रसार अधिकारी की समस्या बनी है उन स्थानों पर अन्य पशुधन प्रसार अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार देते हुए रोस्टर जारी करें। ताकि उन स्थानों पर लोगो को पशु से सम्बन्धित समस्याओं का समाधान मिल सके।
जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को दो, तीन गॉवों को कलस्टर बेस एवं गोट वैली परियोजना के तहत प्लान उपलब्ध कराने के निर्देश दियें।
इस अवसर पर मुख्य पशुपालन अधिकारी डॉ भूपेन्द्र सिंह जंगपांगी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ पीएस हयंाकी, जिला अर्थ संख्या अधिकारी मुकेश नेगी आदि अधिकारी उपस्थित थे।