उत्तराखण्ड
चिपको आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले, पर्यावरणविद् मुरारी लाल का निधन।
चिपको आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले पर्यावरणविद् मुरारी लाल का 91 साल की उम्र में निधन हो गया है। मुरारी लाल को पिछले तीन दिनों से सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिसके बेहतर इलाज के लिए उन्हें ऋषिकेश के एम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। शुक्रावार को सुबह ऋषिकेश के एम्स हॉस्पिटल में मुरारी लाल ने अंतिम सांस ली। खबरों के अनुसार उन्हें शनिवार की सुबह अलकनंदा के किनारे पैतृक घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।बताते चलें कि मुरारी लाल का पूरा जीवन सामाजिक गतिविधियों में गुज़रा है। वो हमेशा ही सामाजिक बुराइयों और कुरीतियों से लड़ते रहें है। अपने जीवन के अंतिम समय में भी वो अपनी जिम्मेदारीयां ही निभा रहें थे। निधन के कुछ दिन पहले भी वे सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहे। मुरारी लाल चिपको आन्दोलन में काफी सक्रिय रहे थे, और पर्यावरण के समर्थन में उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई थी। चिपको आंदोलन के प्रणेता चंडी प्रसाद भट्ट, सीपीबी पर्यावरण एवं विकास केंद्र के प्रबंध न्यासी ओम प्रकाश भट्ट, मंगला कोठियाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, नंदा देवी महिला लोक विकास समिति की अध्यक्ष डॉ. किरन पुरोहित, पूर्व पालिकाध्यक्ष प्रेम बल्लभ भट्ट, अनसूया प्रसाद भट्ट के साथ ही कई लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया।