उत्तराखण्ड
श्री बद्रीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित ने आपसी सामंजस्य और विश्वास में लेकर ही मास्टर प्लान को धरातल पर उतारने की कही बात।
गढ़वाल – बद्रीनाथ मंदिर समिति के सभागार में बदरीश पंडा पंचायत की बैठक में तीर्थ पुरोहितों की प्रशासन से पुरोहितों के घर बगैर उनकी सहमति से तोड़े जाने पर भारी रोष है ,कहा कि तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लिए बगैर राज्य सरकार उन पर दबाव बना रही है । अभी तक तय विस्थापन की नीति पुरोहितों को मंजूर नहीं है ।प्रथम चरण के तीर्थ पुरोहितों को विस्थापित किए बगैर दूसरे चरण की शुरुआत हो गई है ,जबकि अभी तक प्रथम चरण के पुरोहितों हेतु कोई रहने की स्थाई व्यवस्था सरकार ने नही की है। कहा की भवन के बदले भवन , भूमि के बदले भूमि हमें दिया जाय।तीर्थपुरोहितों ने बद्रीनाथ धाम का प्रचार प्रसार भारतवर्ष के गांव शहरों में तब किया जब सूचना तंत्र नहीं था ,पैदल रास्ते थे ।सनातन धर्म की अलख जगाने का काम पुरोहितों ने किया है । बैठक में कहा गया कि बद्रीनाथ धाम में जाकर यात्रियों को ऐसा प्रतीत हो रहा है कि किसी धार्मिक स्थल में नहीं बल्कि कंस्ट्रक्शन साइट पर पहुंच गए हैं चारों ओर जेसीबी और पोकलैंड का शोर सुनाई पड़ रहा है। बैठक में पानी और विद्युत आपूर्ति का मुद्दा भी उठा कहा कि धाम में नलों में पानी नहीं आ रहा है प्रशासन उदासीन बना हुआ है । तीर्थ पुरोहितों के मोहल्लों में पानी की आपूर्ति नहीं है। प्रशासन ने तीर्थ पुरोहितों के साथ विस्थापन नीति हेतु भूमि चयन को लेकर भी चर्चा हुई ।बैठक में कहा गया कि मुआवजे का मानक बद्रीनाथ मंदिर से तय किया जाए न कि राष्ट्रीय राजमार्ग से।
बैठक में अपर जिलाधिकारी अभिषेक त्रिपाठी ,बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ,उपाध्यक्ष किशोर पवार श्री बदरीश पंडा पंचायत अध्यक्ष प्रवीण ध्यानी , उपाध्यक्ष सुधाकर बाबुलकर, सचिव रजनीश मोतीवाल, अशोक तोडरिया, राजेश पालीवाल ,प्रदीप भट्ट, प्रकाश बाबुलकर, देशिक पंडित, मुकेश अलखानिया, दुर्गा नंबरदार ,अनिल ध्यानी,बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ मौजूद थे।