उत्तराखण्ड
गांधीवादी सिंद्धांतों पर बालिकाओं ने खुलकर साझा किए अपने विचार।
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने आयोजित की जीआईसी खेती में विचार गोष्ठी।
दन्यां: जीआईसी खेती की बालिकाओं ने गांधी जी के सिद्धांतों पर बेबाकी के साथ अपने विचार साझा किए। इंटरमीडिएट की बालिकाओं ने सत्य, अहिंसा, धैर्य और समानता के सिद्धांतों पर विशेषज्ञों के समक्ष अपनी बातें व्यक्त किए।
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से आयोजित सत्र में कक्षा 11 व 12 की बालिकाएं शामिल हुई। सत्र की शुरूआत में छात्राओं ने बताए हुए कथन के अनुसार अभिनय करके अपना परिचय दिया। फाउंडेशन के विशेषज्ञों ने वीडियो स्क्रीनिंग के द्वारा गांधी जी के सिद्धांतों का महत्व समझाया। प्रश्नोत्तर सत्र में बालिकाओं ने गांधी जी के सिद्धांतों के बारे में अपने अपने अनुभव अपनी भाषा में साझा किए। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की निधि राणा और शालिनी रावत ने खुले सत्र में बालिकाओं से तमाम प्रश्नों के उत्तर लिए। उन्होंने जीआईसी खेती में अध्ययनरत कई बालिकाओं द्वारा बेबाकी के साथ अपनी बातें रखने की प्रशंसा की। प्रधानाचार्य राकेश कुमार ने अजीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ज्ञानवर्धक सत्र को बच्चों के लिए नितांत उपयोगी बताया और विशेषज्ञों का आभार प्रकट किया।
राकेश कुमार ने गोष्ठी में शामिल बच्चों से गांधी के विचारों और सिद्धांतों को अपने व्यवहार में लाने की अपील की।
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बालिकाओं ने इन प्रश्नों पर साझा किए बेबाकी से अपने विचार—–
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के विशेषज्ञों ने बालिकाओं से पूछे ये सवाल—
- हम सत्य बोलने से क्यों डरते है ? सत्य बोलना क्यों महत्वपूर्ण है ? हमें विषम परिस्थितयों में क्या करना चाहिए ?
“अहिंसा के जरिए हम अपना काम कर सकते हैं ” इस सिद्धांत पर हमें विश्वास क्यों नहीं होता है ? आदि अनेक सवालों का बालिकाओं ने अपने विचार निसंकोच साझा किए।