नैनीताल
कैंची धाम के होटल स्वामियों की किस्मत चमक रही , लेकिन रानीखेत, कौसानी के हजारों होटल स्वामियों की कमर टूटी । समस्या के जिम्मेदार हैं यह नेता ?
नैनीताल – पिछले कुछ सालों से उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित प्रसिद्ध कैंची धाम मंदिर में श्रद्धालुओं का ऐसा हुजूम उमड़ा है कि कैंची धाम के आसपास अवस्थाएं साफ दिखती हैं , बेशक कैंची धाम के आसपास बने होटल स्वामियों की कमाई में तेजी आई हो लेकिन कैंची धाम के आसपास लंबे जाम से पहाड़ों के होटल स्वामियों की कमर तोड़ के रख दी है, जो पहले पर्यटक कौसानी ,रानीखेत ,जागेश्वर बागेश्वर जाया करते थे वह अब वहां तक नहीं पहुंच पा रहे हैं और वह कैंची धाम या नैनीताल, भीमताल घूम कर ही वापस अपने क्षेत्र दिल्ली, मुंबई चले जा रहे हैं जिससे पहाड़ों का पर्यटन कारोबार पूर्ण रूप से नष्ट हो गया है।।
बेशक सरकार ने मानस खंड में अनेक मंदिरों को एक साथ जोड़कर ज्यादा लोगों को आकर्षित करने की कोशिश की हो लेकिन उसकी यह कोशिश केवल दिखलावटी नजर आती है क्योंकि जब तक इस जाम का निदान नहीं होगा तब तक पहाड़ों में लोग नहीं पहुंच पाएंगे क्योंकि एक छोटी सी जगह पर हर रोज लाखों लोगों के पहुंचने से बड़ी व्यवस्थाएं देखने को मिल रही हैं , आपको बता दें कि केवल 15 जून को कैंची धाम में ढाई लाख लोग आए थे ।।
पत्रकार ने जताई समस्या पर चिंता
इस समस्या पर हमारे साथी युवा पत्रकार शैलेंद्र सिंह नेगी ने अपने फेसबुक पोस्ट में उन होटल स्वामियों का दुख लिखा है जिसमें वह होटल स्वामियों की व्यथा बता रहे हैं शैलेंद्र नेगी जी लिखते हैं ..”बंद करो ये बैठकों का ढोंग! मैं आज ही रानीखेत, अल्मोड़ा के टूर से लौटा हूं। वहां के कई लोगों विशेषकर होटल और होमस्टे कारोबारियों से बात की। वो बेहद निराश हैं। रानीखेत, कौसानी, अल्मोड़ा और बागेश्वर का पर्यटन कारोबार इस साल चौपट रहा है। और इसका मुख्य कारण उन्होंने बताया नैनीताल जिले में पड़ने वाले कैंची धाम के कारण लगने वाला जाम। जो कुमाऊं के इन खूबसूरत पर्यटन स्थलों के लिए नासूर बन चुका है। पर्यटक जाम देखकर ही इन जगहों में जाने से बच रहा है। हमारे पहाड़ के बीमार, बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे घंटों जाम में फंस रहे हैं। लेकिन सरकार को शर्म नहीं आती। नैनीताल जिले की #डीएम #वंदना से लेकर कुमाऊं के कमिश्नर Deepak Rawat और सरकार के प्रमुख लोग बैठकों पर बैठकें किए जा रहे हैं। रोज छप रहा है या यूं कहें छपवाया जा रहा है कैंची में बायपास बनेगा। जाम से मुक्ति मिलेगी। कोई लिख रहा है कैंची जाने के लिए रामनगर से बेतालघाट होते हुए सड़क बनेगी। वो बायपास जब बनेगा तब बनेगा। सवाल है सरकार ने क्या किया? या फौरी राहत के लिए क्या कर रही है? कैंची धाम के आस-पास जाम लगने का सबसे बड़ा कारण किसी नादान बच्चे की समझ में भी आ जाएगा। और मेरी समझ में भी आ गया। और वो है भवाली से लेकर खैरना, गरम पानी तक रोड का बेहद जर्जर और खराब होना। जिसके कारण लंबा लग रहा है। साल 2021 की आपदा में भवाली से कैंची धाम और कैंची धाम से गरमपानी तक जो रोड टूटी वो आज तक नहीं बन पाई! और ये टूटी रोड अल्मोड़ा, रानीखेत, बागेश्वर के लोगों के लिए नासूर बन चुकी है।
क्या इस मूलभूत समस्या की तरफ है किसी का ध्यान? सरकार के मुखिया और उनके मंत्री जितनी जल्दी समझ लें बेहतर है। केवल बाबा के दरबार में आकर कुछ नहीं होगा। कृपा लंबे समय तक बनी रहे इसके लिए जनता का दर्द भी समझिए। अन्यथा जनता ऐसा दर्द दे देगी कि बाबा की कृपा भी काम ना आएगी। इसलिए बैठकों का दौर बंद कीजिए। हाइवे, बायपास जब बनाना है तब बनाइए। फिलहाल भवाली से गरमपानी तक सड़क की टूटी दीवारें लगवा दो 80 फीसदी जाम खत्म हो जाएगा।मैं हैरान हूं नैनीताल जिले की प्रभारी मंत्री Rekha Arya तो अपने हल्द्वानी और बरेली वाले घर से अपनी विधानसभा सोमेश्वर जाने के लिए इसी सड़क से जाती है। सवाल है उन्हें ये खराब रोड नहीं दिखाई देती होगी? क्या उन्हें अपने मंत्री रहने पर शर्म नहीं आती होगी?पहाड़ी लोगों को देखकर एकदम पहाड़ी बोलने वाले नैनीताल के दूसरी बार के सांसद Ajay Bhatt के घर द्वाराहाट जाने वाला रास्ता भी यही है। क्या उन्हें इस रोड को देख अपने सांसद होने पर शर्म नहीं आती होगी? “
यानी कि उनके इस फेसबुक पोस्ट से साफ है की पहाड़ों के होटल स्वामियों में सरकारों के प्रति खासा आक्रोश है अगर यह सड़क ठीक होती तो पहाड़ों के पर्यटन कारोबार पर इतना बुरा प्रभाव नहीं पड़ता ।।