राष्ट्रीय
मोदी सरकार ने देश में बनाए हैं कठोर नियम कानून 1 जुलाई से हो जाएंगे लागू ! हो जाइए सावधान ?
दिल्ली-अपराध किसी भी देश के लिए बहुत ही सोचनीय विषय बनता जा रहा है . लेकिन भारत में अब नए आपराधिक कानून बनाए गए हैं जो 1 जुलाई से लागू हो जाएंगे देश में अपराधिक संहिता से जुड़े तीन नए कानून हो जाएंगे ..केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को संसद की मंजूरी मिली थी राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने 25 दिसंबर को इन कानूनों को सहमति दी थी. सरकार इन नए कानूनों को लेकर देश भर में प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान भी चला रही है . जिससे नए कानून को व्यवस्थित तरीके से लागू किया जा सके यह नए कानून ब्रिटिश काल में भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ले लेंगे ..
सरकार ने राजद्रोह के अपराध को बदलकर देशद्रोह का अपराध बना दिया है .सरकार ने नए कानून में राजद्रोह की धारा 124(क) को पूरी तरह से समाप्त कर इसे देशद्रोह में बदला है इसमें राज्य के खिलाफ अपराध करने से जुड़ी एक नई धारा को भी शामिल किया गया है इस कानून से राजद्रोह में सशस्त्र विद्रोह, विध्वंसक गतिविधि, संप्रभुता या एकता को खतरे में डालने वाले अपराध अलगाववादी गतिविधियों जैसे अपराधों को शामिल किया गया है..
नए कानून लागू हो जाने से अगर कोई व्यक्ति मौखिक तौर पर, लिखित या सांकेतिक तौर पर देश की एकता अखंडता को नुकसान पहुंचता है या उसका प्रयास करता है तो उसे आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया जा रहा है.. उस पर जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान भी शामिल है.. भीड़ हिंसा पर सख्त सजा का भी प्रावधान है भीड़ हिंसा तब मानी जाती है जब 5 से ज्यादा लोग सामूहिक रूप से किसी एक व्यक्ति की हत्या कर देते हैं इससे मॉब-लिचिंग भी कहा जाता है इसे एक बहुत ही खतरनाक अपराध माना जाएगा.. इसी के साथ नए कानून में हत्या की धारा 302 की जगह 101 कहलाएगी .धोखाधड़ी के लिए लागू होने वाली 420 की धारा 316 हो जाएगी , नाबालिक से दुष्कर्म पर सीधे फांसी की सजा का प्रावधान है।।