उत्तराखण्ड
गौसदनों में भेजा गया आवारा पशुओं को।
हल्द्वानी – जिलाधिकारी के निर्देशन में जिले के आवारा एवं लावारिस गवंशीय पशुओ को पंजीकरण गौशालओ एवं गौसदनो तक पंहुचाने की सशक्त कार्यवाही राजस्व, पुलिस, पशुपालन विभाग, नगर निगम एवं स्थानीय निकायो द्वारा तत्परता से की जा रही है। जिले के आवारा गोवंशीय पशुओ के चिन्हीकरण एवं टैगिंग का कार्य पशुपालन विभाग द्वारा किया जा रहा।
जानकारी देते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉक्टर डी सी जोशी ने बताया कि जनपद में सड़कों पर निराश्रित पशुओं को विशेषकर गोवंश पशुओं की संख्या बहुतायत है। इन पशुओं की वजह से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है यहां तक की कई गंभीर दुर्घटनाएं हुई हैं ऐसे में घटित होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने तथा ऐसे पशुओ को पंजीकृत गौशालाओं में भेजे जाने की कार्रवाई की जा रही है। नगरनिगम व पशुपालन की टीम द्वारा कल से चलाई गई इस मुहिम में आज शाम 05 बजे तक कुल 61 पशुओं को गोसदन में भेजा गया। पशुओं को गोसदन में भेजने से पूर्व पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं की टैगिंग व स्वास्थ्य परीक्षण कर हेल्थ सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा है। इससे शहर में पशुओं से लगने वाले जाम व सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी व पशुओं को रहने व पशु आहार की बेहतर व्यवस्था मिल सकेगी।
नगर पालिका रामनगर क्षेत्र से 12 गौवंशीय निराश्रित पशु, नगर पंचायत कालाढूंगी क्षेत्र से 16 गौवंशीय निराश्रित पशु, नगर पालिका लालकुँआ क्षेत्र से 5 गौवंशीय निराश्रित पशु, नगर निगम हल्द्वानी क्षेत्र से 24 गौवंशीय निराश्रित पशु एवं कमोला ग्रामीण क्षेत्र से जिला पंचायत द्वारा 4 गौवंशीय पशुओं को क्रमशः श्री राधेकृष्ण गौसेवा सदन बाजपुर (उधमसिंहनगर ), श्री कृष्ण विश्व मंगल गौधाम रतनपुर बैलपडाव, श्रील नित्यानन्द पाद आश्रम गौशाला हल्दूचौड़, आश्रय एनिमल केयर सेन्टर हल्द्वानी, श्री राधे कृष्ण गौ सेवा सदन बाजपुर उधमसिंहनगर को भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि जनपद में कुल पांच पंजीकृत गौसदन है जिसमें कुल 225 गोवंशीय पशुओं को रखने की क्षमता है। वर्तमान में कालाढूंगी में श्री कृष्ण विश्व मंगल गोश्रम धाम रतनपुर बेलपडाव में 135, बेतालघाट श्री कृष्ण विश्व मंगल गोआश्रम धाम घंगरेटी बेतालघाट में 20, दीप रेखाड़ी गौशाला हरचनौली बेतालघाट में 20, आश्रय एनिमल शेल्टर होम देवलचौड़ हल्द्वानी में 20, जोगेंद्र राणा गौशाला हल्दीखाल हल्द्वानी में 30 पशुओं की क्षमता है। इन निजी स्ववित्त पोषित गोसदन को शहरी विकास, नाबार्ड, जिला खनन न्यासनिधि, जिला पंचायत व अन्य स्रोतों से फंडिंग की जाती है।
नैनीताल जनपद में 04 स्थलों पर भूमि चिन्हीकरण का कार्य किया गया है। इन स्थलों पर कुल रुपये 1066 लाख की डीपीआर तैयार की गई है व तैयार होने वाले गोसदन में 1200 पशुओं की क्षमता विकसित की जायगी।