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इस जगह के पेड़ रोज़ रात को इंसान बनते हैं।

उत्तराखण्ड

इस जगह के पेड़ रोज़ रात को इंसान बनते हैं।

अगर मैं कहूं कि इस दुनिया में एक ऐसी जगह भी है जहां, जाने के बाद आप पागल हो जायेंगे, तो क्या आप कर यकीन करेंगे? लेकिन ऐसी एक जगह है वो भी हमारे देश में ही। इस अनोखी जगह पर…जो पेड़ मौजूद है वो रोज रात को इंसान बन जाते है। कौन सी है वो जगह, जानने के लिए पूरा पढ़ें। आपने श्री कृष्ण की नगरी के अद्भुद चमत्कार के बारे में बहुत कुछ सुना होगा, हो सकता है की आपने वहां श्री कृष्ण की माया का अनुभव भी किया हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वृंदावन में एक जगह ऐसी भी है जहां भगवान कृष्ण, अपनी प्रिय राधा रानी और सभी गोपियों के साथ रोज रात को रास रचाने आते हैं, जिसके सबूत भी अगली सुबह वहां मौजूद रहते हैं। और यही वो जगह है जो इंसान को पागल बना देती है। वृंदावन का निधिवन आज भी एक रहस्य बना हुआ है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज भी निधिवन में भगवान श्री कृष्ण…राधा रानी और सभी गोपियों के साथ रास रचाते हैं। मान्यताओं के अनुसार वृंदावन के निधिवन में श्री कृष्ण रोज रात को आते हैं। निधिवन में बड़े बड़े तुलसी के पेड़ है, आमतौर पर आपने तुसली के सिर्फ पौधे ही देखें होंगे, लेकिन निधिवन एक ऐसी जगह है, तुसली के विशाल पेड़ है। कहा जाता है कि जब रात को श्री कृष्ण और राधा रानी, निधिवन में आते है तो यही तुसली के पेड़ गोपकाएं बन जाती है। और भगवान के साथ रास रचाती है। वैसे तो आमतौर पर कोई भी वन हो, वहां जाने की अनुमति 24 घंटे रहती है…लेकिन वृन्दावन के निधिवन में आप…. शाम होने के बाद नहीं जा सकते है। निधिवन में शाम की आरती होने के बाद लोगों के अंदर जाने पर रोक लगा दी जाती है और सभी श्रद्धालुओं को बाहर कर दिया जाता है। निधिवन में एक छोटा सा महल है। यह रंग महल के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, रात को रंग महल में भगवान श्रीकृष्ण गोपियों के साथ रासलीला रचाने के लिए आते हैं। ऐसा बताया जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण के इस रास को जिसने देखा वो पागल हो गया या उसकी मौत हो गई। इसी कारण से निधिवन में रात को अंदर जाने की मनाही है। सिर्फ़ इतना ही नही…..बल्कि हैरानी तो तब होती है जब अगली सुबह भगवान के आने के सबूत परिसर के पुजारियों को मिलते है। कहा जाता है कि… संध्या आरती के बाद पुजारियों द्वारा भगवान के सोने के लिए बिस्तर लगाया जाता है, श्रृंगार का सामान रखा जाता है, माखन मिश्री का भोग, पान और दातुन रखा जाता है, लेकिन अगली सुबह पुजारी को माखन मिश्री का भोग खाया हुआ मिलता है, दातून और पान चबाए हुए मिलते है, बिस्तर और श्रृंगार का सामान अस्त व्यस्त मिलता है। जो आज भी कई सालो से एक पहेली बनी हुई है, कि जब निदिवन परिसर में कोई नहीं रहता तो ये सब कौन करता है? और जवाब में सब कहते है भगवान श्री कृष्ण…! निधिवन में भगवान रोज आते है..इस बात का अंदाज़ा इससे भी लगाया जाता है कि दिनभर उछल कूद मचाने वाले बंदर और पक्षी भी….शाम होते ही अपने आप निधिवन से बहार की तरफ़ आ जाते हैं। निधिवन के आसपास रहने वाले लोग बताते हैं कि कई बार रात को उन्होंने निधिवन में पायल को छनकर और मुरली के धुन को आवाज़ भी सुनी है। हालाकि आसपास रहने वाले लोगो को अपने घर को खिड़की खोल कर रात में निधिवन में झांकने की अनुमति भी नहीं है। ऐसे भी दावे किए जाते हैं कि जाते हैं…. कि जो भी रात में निधिवन में रुकने की कोशिश करता है और भाग्यवश सफल भी हो जाता है….तो वह अगले दिन या तो मर जाता है या फिर अपने होश खो देता है। क्या आप भी कभी निधिवन गए है या फिर जाना चाहते हैं?

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