अंतरराष्ट्रीय
युवाओं को पर्यावरणीय प्रश्नों से जोड़ने का प्रयास शुरू करेंगे केंद्रीय पर्यावरण मंत्री।
भारत के पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने स्कॉटलैंड (ग्लासको) में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में भारत से पहुंचे 6 युवाओं से बातचीत कर पर्यावरणीय प्रश्नों पर सक्रियता के लिए युवाओं को प्रतिनिधित्व देने हेतु अधिकारियों को विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
इस बैठक में उत्तराखंड से वहां गई उच्च न्यायालय नैनीताल की अधिवक्ता स्निग्धा तिवारी एवं जन्मेजय तिवारी मौजूद थे।
देश व दुनिया में सरकार के स्तर से पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण सम्मेलनों में युवाओं को प्रतिनिधित्व करने मौका नहीं दिया जाता है। स्कॉटलैंड में आयोजित कॉप 26 में गए इन युवाओं ने पर्यावरण मंत्री से अनुरोध किया कि सरकार की ओर से सकारात्मक पहल करने की आवश्यकता है। इस संवाद में युवाओं के सुझावों पर संज्ञान लेते हुए भारत के पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में आगामी कॉप 27 में युवाओं की भागीदारी के लिए सरकार युवाओं की सलाह लेने हेतु प्रयास शुरू करेगी, जिसके लिए उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों को इस हेतु सभी युवाओं के साथ बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए।
इस दौरान पर्यावरण मंत्री ने भारत द्वारा 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को लेकर तय किए गए लक्ष्यों और वनीकरण को लेकर देश के दृष्टिकोण को भी साझा किया।
बातचीत के दौरान उत्तराखंड से बैठक में शामिल जन्मेजय तिवारी एवं स्निग्धा तिवारी ने उत्तराखंड में विकास की गलत समझ एवं बड़े बांधों के कारण हो रहे पर्यावरणीय दुष्प्रभावों को रोकने की मांग की। स्निग्धा ने मंत्रालय द्वारा उत्तराखंड में सात बांधों के निर्माण की अनुमति देने पर भी सवाल किए, जिस पर पर्यावरण मंत्री ने आश्वासन दिया की अब आगे और बांधों की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बैठक में शामिल युवाओं ने मंत्री के साथ हुई लंबी वार्ता को सकारात्मक बताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है इस बातचीत के अच्छे परिणाम सामने आएंगे, और हम पर्यावरणीय प्रश्नों पर विकसित देशों को उनकी वित्तीय जिम्मेदारियों के प्रति भी जवाबदेह बना पाएंगे।
मंत्री जी के साथ हुई इस वार्ता में उत्तराखंड से स्निग्धा तिवारी एवं जन्मेजय तिवारी, स्विजना दत्ता, विनम्र माथुर, केरल की टैरीसा, बंगाल की रजनी रमन शामिल रही।