उत्तराखण्ड
कब होगा होलिका दहन ? जानिये ज्योतिषाचार्य से।
ज्योतिषाचार्य डॉ मंजू जोशी
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होलिका दहन 7 मार्च 2023 दिन मंगलवार को प्रदोष काल में किया जाएगा। होलिका दहन को लेकर आम जनमानस में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। होलिका दहन के विषय में प्रत्येक बिंदु पर स्पष्ट व्याख्या दी गई है।
होलिका दहन 6 या 7 मार्च 2023 को ?
(होलिका दहन का दिन निश्चय करने के लिए धर्मसिंधु का स्पष्ट शास्त्रादेश है कि–
परदिने प्रदोषस्पर्शाभावे पूर्वदिने प्रदोषे भद्रासत्वे यदि पूर्णिमा पर दिने सार्वत्रियामा ततोधिका वा तत्परदिने च प्रतिपद-वृद्धि गामिनी तदापरदिने प्रदोषव्यापिन्यां होलिका। उक्त विषये यदि प्रतिपदासस्तवापूर्वदिने भद्रापुच्छे वा भद्रामुखमात्र त्यक्त्वा भद्रायामेव व होलिकादीपनमें ।।
इस शास्त्रादेश के अनुसार 7 मार्च 2023 को पूर्णिमा प्रदोष को स्पर्श नहीं कर रही है साथ ही साढ़े तीन प्रहर पूर्णिमा व्याप्त है परंतु प्रतिपदा वृद्धिगामिनी नहीं है अर्थात प्रतिपदा का मान पूर्णिमा से अधिक नहीं है। इस कारण उत्तराखंड सहित समस्त पश्चिमी राज्यों उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मुंबई आदि स्थानों में होलिका दहन दिनांक 6 मार्च 2023 को किया जाना शास्त्र सम्मत है।
यहां भद्रा पुच्छ 6/7 की मध्य रात्रि 2:16 से 3:31 विलंब से प्राप्त होने के कारण होलिका दहन प्रदोष काल(सूर्यास्त के ठीक बाद का समय) 6:21 से 8:41 के मध्य किया जाना उचित है यही पूर्वी उत्तर प्रदेश (गोरखपुर बनारस काशी आदि) एवं बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल असम अरुणाचल प्रदेश अंडमान उड़ीसा त्रिपुरा नागालैंड आदि प्रदेशों में जहां दिनांक 7 मार्च 2023 को सूर्यास्त सायं 6:40 पर होगा वहां निश्चित रूप से पूर्णिमा प्रदोष काल का स्पर्श कर रही है अतः इन स्थानों पर नियमानुसार 7 मार्च 2023 को ही किया जाना शास्त्र सम्मत है।
परंतु सनातन धर्म की एकरूपता के दृष्टिगत संपूर्ण भारत वर्ष में होलिका दहन 7 मार्च 2023 को करना ही उचित रहेगा।
होलिका दहन पर उपाय
होलिका दहन पर कुछ उपाय करने से आपके जीवन में बदलाव आ सकते हैं।
1–जिन जातकों को लंबे समय से आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है उन सभी को घर के मुख्य द्वार पर गुलाल डालकर दो मुखी दीपक जलाने से आर्थिक परेशानियां दूर होंगी।
2–जिन जातकों को लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां ग्रसित कर रही हों उन सभी को होलिका दहन के समय अग्नि के सात फेरे लगाकर होलिका दहन की राख से तिलक करना चाहिए। स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करेंगे।
3– लंबे समय से तनाव से ग्रसित जातकों को होलिका दहन के दिन सफेद वस्तुओं का दान करना शुभ रहेगा इसके अतिरिक्त चंद्र दर्शन करना शुभ फल कारक रहेगा।
4–होली की भस्म का टीका लगाने से दृष्टि दोष तथा प्रेतबाधा से मुक्ति मिलती है।
5–होलिका दहन की अग्नि के दर्शन एवं परिक्रमा करने से राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं