धर्म-संस्कृति
कब है षटतिला एकादशी? जानें तिथि।
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06 फरवरी 2024 दिन मंगलवार को षटतिला एकादशी उपवास रखा जाएगा।
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो , मा दभ्रं भूर्या भर।
भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्।
आ नो भजस्व राधसि।।
माघ माह की कृष्ण पक्ष एकादशी तिथी को षटतिला एकादशी मनाई जाती है। षटतिला एकादशी का अर्थ उच्चारण से ही आप अनुमान लगा पा रहे होंगे षट का तात्पर्य है छ: (6) तिला का अर्थ तिल से है। अर्थात तिल का 6 प्रकार से उपयोग करना। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी आपको बताने का प्रयास करेंगे। माघ माह में शरद ऋतु अपने चरम पर होती है और तिल की तासीर गर्म होती है जिससे कि ठंड से बचने में सहायता प्राप्त होती है।
तिल से स्नान करना, तिल का उबटन लगाना, तिलोदक करना, तिल का हवन, तिल से बने लड्डू या भोजन, तिल का दान करना।
मूहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ 5 फरवरी 2024 सायं काल 5:27 से 6 फरवरी 2024 दिन मंगलवार सायं काल 4:10 तक। उपवास पारण का समय 7 फरवरी बुधवार प्रातः 7:06 से 9:18 तक।
पूजा विधि
नित्य कर्म से निवृत्त होकर सम्पूर्ण घर व पूजा स्थल को स्वच्छ करें। स्नानादि करने के उपरांत व्रत का संकल्प लें मंदिर में अखंड दीपक प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु को गंगाजल से स्नान कराएं। पीतांबर अर्पित करें। आसन प्रदान करें। रोली, कुमकुम, पुष्प, धूप, दीप अर्पित करें। तुलसी भगवान विष्णु को को अति प्रिय है अतः तुलसी दल अवश्य चढ़ाऐं। पंचमेवा, पंच मिठाई, पंच फल अर्पित करें। तिल के लड्डुओं का भोग लगाएं। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। ग्यारह घी की बत्ती बनाकर आरती करें। षटतिला एकादशी को तिल का दान अवश्य करें। जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न, वस्त्र आदि का दान करें।
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