चमोली
महिलाओं की अनोखी मेहनत : 5 लाख पेड़ों का घना जंगल लेकिन आज तक कभी नहीं लगी आग ।।
गांव की महिलाओं ने कर दिखाया अनोखा काम
चमोली – पहाड़ के सभी जंगल जहां आजकल चारों तरफ धू-धू कर जल रहे हैं, वहीं चमोली जिले में एक ऐसा जंगल है जहां आज तक आग की तपिश नहीं पहुंची। जी हां यह कर दिखाया है गांव की महिलाओं ने । हम बात कर रहे हैं पीपलकोटी क्षेत्र के लुहां दिगोली गांव की । जिस जंगल में 200 प्रजाति के पांच लाख से अधिक पेड़ हैं। आसपास के जंगलों में आग लगते ही महिलाएं अपने जंगल की सीमा पर आग बुझाने के लिए मुस्तैद हो जाती हैं।
महिलाएं हर पेड़ पौधे की बच्चे की तरह करती हैं देखभाल
महिलाएं जंगल के एक-एक पेड़ पौधे की बच्चे की तरह देखभाल करतीं हैं। लोग बताते हैं हैं कि जंगल पर्यावरण संरक्षण और सामूहिक सहभागिता का सबसे बड़ा उदाहरण है ।। निजमुला घाटी के जंगलों की आग कई बार लुहां दिगोली के जंगल की सीमा तक तो पहुंचती है, लेकिन महिलाएं संगठित होकर बुझाने के लिए पहुंच जाती हैं।
जंगल में बांज, काफल, बुरांस, अंग्यार, पंव्या, अखरोट, आडू व बुरांस की प्रजाति के लाखों पेड़ हैं। जंगल से महिलाएं चारापत्ती व ईंधन के लिए सूखी लकड़ियां एकत्रित करती हैं।
जंगल के कारण कभी नहीं हुई पानी की कमी
इसी जंगल से गांव में पानी का स्रोत भी आता है, जिससे गांव की पेयजल व्यवस्था होती है। अनेक महिलाओं ने कहा वह हर पेड़ व पौधे को अपने बच्चे की तरह पालती हैं। प्रतिवर्ष यहां पौधरोपण किया जाता है, तो उसके संरक्षण की जिम्मेदारी भी वे स्वयं उठाती हैं। महिलाओं का कहना है कि उन्हें गौरा देवी से यह प्रेरणा मिली है।
जानकारी स्रोत “पत्रकार” भुवन शाह