राजनीति
राजस्थान में भजन लाल शर्मा को सीएम बनाने की घोषणा, अब ‘असंतुष्ट’ वसुंधरा राजे का क्या होगा?
राजस्थान में भजनलाल शर्मा को नया मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा के साथ ही सीएम पद की अटकलों पर विराम लग गया है। पर्यवेक्षक और रक्षामंत्री ने भजनलाल शर्मा के सीएम नाम की घोषणा की। इस तरह जो मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुआ, वही कहानी राजस्थान में भी दोहराई गई। सीएम पद के लिए भजनलाल शर्मा जैसे पहली बार विधायक बने नेता को सीएम बनाना पीएम नरेंद्र मोदी की उस दूरदर्शिता को दर्शाता है, जो युवाओं को आगे आने और उन्हें मौका देने पर विश्वास रखती है। अब बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि असंतुष्ट वसुंधरा राजे सिंधिया का क्या होगा? क्या उन्हें संतुष्ट करने के लिए कोई मंत्री पद या संगठन में कोई पद दिया जाएगा? जानिए इस पर क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?
राजनीतिक मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार हेमंत पाल कहते हैं कि वसुंधरा राजे का कद राजस्थान में काफी बड़ा है। वे भी बीजेपी की ओर से दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। राजघराने से ताल्लुक रखती हैं। ऐसे में यह कहना कठिन है कि उन्हें संगठन में कोई जिम्मेदारी दी जाएगी। यह भी मुश्किल है कि उन्हें केंद्र में पद दिया जाए। क्योंकि इसके लिए उन्हें सांसद पद के लिए आगामी लोकसभा चुनाव लड़ना होगा।
‘वसुंधरा की भूमिका पर अभी से कहना मुश्किल’
वसुंधरा राजे सिंधिया की आगामी समय में क्या भूमिका होगी, इस पर वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक मामलों के जानकार राजेश बादल कहते हैं कि जब वसुंधराराजे को मुख्यमंत्री ही नहीं बनाया तो अब आगे उन्हें क्या बनाया जाएगा, यह कहना मुश्किल है। अभी तो उनकी फिलहाल कोई भूमिका नजर नहीं आती।
पीएम मोदी ने 2019 में कही थी बड़ी बात
राजनीतिक विश्लेषक हेमंत पाल कहते हैं कि 2019 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि जिसका नाम सबसे ज्यादा चर्चा में होता है, वो पद पर नहीं बनता। पीएम मोदी ने कहा था कि मैं मेरा अधिकार मीडिया के कयासों को नहीं दूंगा। पहले छत्तीसगढ़, फिर एमपी और अब राजस्थान में भी वही बात सही साबित हुई है। हेमंत पाल तो यह भी कहते हैं कि जो मंत्री शपथ लेंगे, उनमें भी कई नए चेहरे हो सकते हैं, जिनके नाम चौंकाने वाले हो सकते हैं।
मोदीजी के काम की ‘स्टाइल’ में फिट नहीं हैं पुराने सीएम
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक श्रवण गर्ग कहते हैं कि अब वसुंधरा राजे सिंधिया, शिवराज सिंह और रमण सिंह जैसे बड़े नेता अब आम बीजेपी नेताओं की तरह ही हैं। वसुंधरा राजे सिंधिया जैसी नेता पीएम मोदी की काम करने की ‘स्टाइल’ में फिट नहीं होती हैं। देश के दूसरे राज्यों में जैसे बीजेपी के सीएम हैं, ऐसे ही राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ में भी हैं। इससे ज्यादा कुछ नहीं।