उत्तराखण्ड
कांग्रेस के पास चुनाव लड़ने के पैसे नहीं हैं?
उत्तराखंड में पहले चरण में चुनाव होने हैं, यानी कि 19 अप्रैल को देवभूमि में मतदान है। सभी पार्टियां तैयार है सिवाय कांग्रेस के। कांग्रेस पार्टी पर एक के बाद एक नई गाज गिरती हुई नज़र आ रही है। अभी तक कांग्रेस पार्टी उत्तराखंड की पांचों सीटों पर अपने प्रत्याषी ना उतार पाने की समस्या का समधन ढूंढने में लगे ही हुई हैं कि अब एक और मुसीबत कांग्रेस पार्टी के सर आ गिरी। प्रदेष अध्यक्ष करन माहरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस नई परेशानी के बारे में बात की। बता दें कि कांग्रेस पार्टी के बैंक खाते freeze हो गए हैं, और अब कांग्रेस के पास चुनाव लड़ने के पैसे तक नहीं है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में बीते दिन पत्रकारों से बातचीत करने के दौरान करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस को आर्थिक रूप से कमजोर के लिए सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है। जनता और कार्यकर्ताओं से एकत्रित धन को रोका दिया गया है। लोकतंत्र में निष्पक्ष चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर होने चाहिए। बातचीत के दौरान उन्होंने सरकार पर जमकर निशाना साधा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने पार्टी के बैंक खाते फ्रीज करने पर तीखी प्रतिक्रिया ज़ाहिर की है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में कांग्रेस को कमजोर करने के लिए यह सब कुछ किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर भारतीय लोकतंत्र को कमजोर करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। करन माहरा ने आगे कहा कि एक दल की मनमानी नहीं चलनी चाहिए। कांग्रेस बराबरी के साथ चुनाव न लड़ पाए, इसलिए खाते फ्रीज किए गए। आयकर विभाग ने 14.40 लाख रुपये की अनियमितता के मामले में 210 करोड़ रुपये यानी 106 प्रतिशत पेनल्टी लगाई गई। विभाग ने जबरन 115 करोड़ की राशि ट्रांसफर कर दी। करन माहरा ने कहा कि यह मामला वर्ष 2018-2019 के आयकर रिटर्न से जुड़ा हुआ है। कांग्रेस को 31 दिसंबर, 2019 तक अपने खाते से संबंधित जानकारी आयकर विभाग को देनी थी। उसमें लगभग 45 दिन की देरी हुई। आमतौर पर यह देरी हो जाती है। ऐसे में छूट नीति का लाभ कांग्रेस को भी दिया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। माहरा ने आरोप लगाया कि भाजपा के विज्ञापन चारों ओर लगे हैं। हर स्थान पर उसके पंचसितारा जैसे कार्यालय हैं। सरकार के चुनावी खर्चे का कोई हिसाब नहीं है। वहीं, खाते फ्रीज होने से कांग्रेस अपनी बैंक में जमा 285 करोड़ की धनराशि का उपयोग नहीं कर पा रही है। चुनाव लड़ने से रोकने के लिए 30-35 साल पुराने मामले खंगाले जा रहे हैं। करन माहरा ने कहा कि पार्टी देश की 20 प्रतिशत जनता का प्रतिनिधित्व करती है। अदालत और निर्वाचन आयोग को हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने फ्रीज खाते खोलने की मांग की।