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भूकंप से दहले तुर्की सीरिया में 1300 की मौत, हजारों घायल : राहत सामग्री भेजेगा भारत।
नई दिल्ली : सोमवार को दक्षिणी तुर्की में एक शक्तिशाली भूकंप आया, इमारतों को ध्वस्त कर दिया और इज़राइल सहित पूरे क्षेत्र में लोगों को जगाया, जहां इसे तेल अवीव और पूरे देश में महसूस किया गया था. तुर्की में एक के बाद एक आए 7.8 तीर्वता के आए भूकंप से प्रभावित 10 प्रांतों में कम से कम 2,300 लोग घायल हुए हैं और 1,700 इमारतें ढह गई हैं. जबकि 1300 लोगों की मौत की आशंका है.
भूकंप से दहले तुर्की में तलाश-राहत टीमें और राहत सामग्री भेजेगा भारत.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तुर्की में आए भूकंप में लोगों की मौत पर सोमवार को शोक व्यक्त किया और कहा कि भारत इस त्रासदी से निपटने में मदद के लिए हरसंभव सहायता देने को तैयार है. दक्षिणपूर्वी तुर्की और सीरिया में सोमवार को तड़के 7.8 तीव्रता के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए.
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने कहा कि भूकंप का केंद्र गाजियांटेप से लगभग 33 किलोमीटर (20 मील) और नूरदगी शहर से लगभग 26 किलोमीटर (16 मील) दूर था. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, यह 18 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर केंद्रित था.
तुर्की की आपदा और आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी कहारामनमारस प्रांत के पजारसिक शहर में केंद्रित थी.
तुर्की के राष्ट्रपति का कहना है कि देशों ने सहायता के लिए पहुंचना शुरू कर दिया है.
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय सहायता के लिए हमसे संपर्क किया जाना शुरू हो गया है। नाटो और यूरोपीय संघ द्वारा सहायता के प्रस्तावों के अलावा, 45 देशों ने हमसे संपर्क किया है.”
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “तुर्की में भूकंप के कारण हुए जान-माल के नुकसान से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.” प्रधानमंत्री ने भूकंप पर तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के एक ट्वीट को टैग करते हुए कहा, “भारत तुर्की के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और इस त्रासदी से निपटने के लिए हरसंभव सहायता देने को तैयार है.”
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी भूकंप में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने ट्वीट किया, “तुर्की में भूकंप के कारण हुए जानमाल के नुकसान से बहुत व्यथित हूं. इस कठिन समय में अपनी संवेदना और समर्थन से तुर्की के विदेश मंत्री को अवगत कराया”
प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने तत्काल राहत उपायों पर चर्चा करने के लिए साउथ ब्लॉक में बैठक की. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, यह निर्णय लिया गया कि राहत सामग्री के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और चिकित्सा दलों को तुर्की गणराज्य की सरकार के समन्वय से तुरंत तुर्की भेजा जाएगा. राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें, विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान दस्ते और आवश्यक उपकरण भूकंप प्रभावित क्षेत्र में उड़ान भरने के लिए तैयार हैं. दोनों टीमों में 100 कर्मी शामिल हैं.
उधर नीदरलैंड और रोमानिया की टीमें पहले से ही अपने रास्ते पर हैं,” यूरोपीय संघ के आपातकालीन प्रतिक्रिया समन्वय केंद्र ने उनकी तैनाती की देखरेख की, कमिश्नर जानेज लेनार्सिक ने ट्वीट कर बताया हैं.