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लड़कियां – लड़कों से कम कहां : लड़कों से ज्यादा रुचि लड़कियों की है सिगरेट पीने में ।।

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लड़कियां – लड़कों से कम कहां : लड़कों से ज्यादा रुचि लड़कियों की है सिगरेट पीने में ।।

लड़कियों में फैशन बना सिगरेट पीना

धूम्रपान सेहन के लिए हानिकारक है, हम सबको पता है इस चेतावनी के बावजूद भी देश में किशोरों के बीच धूम्रपान का चलन बढ़ा है, विशेषकर कम उम्र की लड़कियों में तो यह फैशन ही बन गया है। यह गंभीर नहीं अति गम्भीर चिंता का विषय है। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी हालिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई।

देश में हर साल 13 लाख मौत तंबाकू के कारण

भारत में तंबाकू की खपत स्वास्थ्य समस्याओं के पीछे बड़ा कारण रहा है। इसके कारण लोग जानलेवा बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं और तो और हर साल देश में करीब 13.5 लाख मौतें भी तंबाकू के कारण हो रहीं हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों की माने तो तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और उत्पादक भारत है। नवीनतम भारत तंबाकू नियंत्रण रिपोर्ट के अनुसार, पहले की तुलना में किशोरियों के बीच धूम्रपान का चलन दोगुना बढ़ गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश के किशोरों और किशोरियों के बीच धूम्रपान को लेकर रुझान बढ़ा है, खासकर बड़ी हो रही लड़कियों में। 2009 में लड़कियों के बीच धूम्रपान का चलन 3.8 फीसदी था जो 2019 में बढ़कर 6.2 फीसदी हो गया। वहीं लड़कों में केवल 2.3 फीसदी बढ़त देखी गई। वयस्कों की बात करें तो धूम्रपान के आंकड़े में गिरावट आई है। पुरुषों में यह 2.2 फीसदी और महिलाओं में 0.4 फीसदी रह गया है। रिपोर्ट में युवतियों के बीच धूम्रपान का स्तर 2019 में 6.2 फीसदी, वयस्क महिलाओं में 2017 में 1.5 फीसदी आंका गया।

इस तर्क से हो रहा है कुतर्क

आज की युवा हो रही पीढ़ी का तर्क है कि जो काम लड़के कर सकते हैं वो लड़कियां भी कर सकती है, और इसलिए खुलेआम सिगरेट पीने से नहीं डरती । कुछ इसे आजादी मानती हैं और धूम्रपान को बड़ावा दे रहीं हैं । टेलीविजन पर फिल्मों या किसी शो में धूम्रपान का दृश्य आते ही स्क्रीन पर चेतावनी लिखी आती है लेकिन ओटीटी प्लेटफार्म पर ऐसा नहीं है। यह बात पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया की स्वास्थ्य वैज्ञानिक मोनिका अरोड़ा ने कही।

उन्होंने कहा कि युवाओं को धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रेरित नहीं किया गया तो भविष्य में इसके बुरे परिणाम होंगे।विशेषज्ञों के अनुसार, धूम्रपान करने से किशोर वर्ग को तुरंत कई स्वास्थ्य समस्या को झेलना पड़ सकता है। सांसों की दुर्गध, काले होंठ, दांत पीले होना जैसी समस्याएं कम उम्र में ही शुरू हो जाएंगी। इसके अलावा जुकाम, बार-बार फ्लू का खतरा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं का खतरा हो सकता है।

किशोरियों में धूम्रपान से मां बनने में आ सकती परेशानी

वहीं लंबे समय तक झेलने वालं दिल की बीमारियां, फेफड़े में खराबी, गले और पेट के कैंसर का कारण, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, बेचैनी और चिंता आदि भी परेशान कर सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, किशोरियों में धूम्रपान के कारण आगे चलकर मां बनने में परेशानी आ सकती है।

पहाड़ की लड़कियां भी आई इसकी चपेट में

इस समस्या से अछूता पहाड़ भी नहीं रहा है पहाड़ की लड़कियां भी इसकी चपेट में आ रही हैं और देखा गया है कि जब वह पढ़ाई के लिए पहाड़ से निकल कर शहर आती हैं तो वह भी शौक- शौक में सिगरेट पीने लगते हैं और धीरे-धीरे यह आदत में परिवर्तित हो जाती है और जब आदत पड़ती है तो उसे छोड़ना मुश्किल ही नहीं ना मुश्किल हो जाता है ।।

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