उत्तराखण्ड
कुमाऊनी लोकगीतों से मन मोह लेने वाले लोकगायक गोविंद सिंह रावल आज बीमारी से जूझ रहे हैं : पैसे की कमी से ईलाज में आ रही है तंगी ।।
कुमाऊनी लोकगीतों से सबका मन मोह लेने वाले लोकगायक गोविंद सिंह रावल आज बीमारी से जूझ रहे हैं उनका उपचार हल्द्वानी के एक अस्पताल में चल रहा है अब अनेक लोगों ने सरकार से लोग गायक के उपचार के लिए आर्थिक सहायता देने की गुहार लगाई है लोक गायक गोविंद सिंह रावल की तबीयत इन दोनों खराब चल रही है परिजनों ने उन्हें हल्द्वानी के एक अस्पताल में भर्ती कराया है बताया जा रहा है कि लोक गायक फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है गायक गोविंद सिंह ने 7 साल की उम्र में लोकगीतों से लोगों का मनोरंजन करने का काम शुरू किया है बाद में स्वर्गीय प्रताप सिंह रीतागाड़ी के साथ मिलकर उन्होंने लोकगीतों के माध्यम से सरकार की योजनाओं को प्रचारित किया था। उनके गाए प्रमुख गीतों में तेरी रंगीली अनवार, मेरी बाना ,कैले बनाई दे दुनिया, ओ मेरी दिलदार प्यारी , सहित अनेक लोकगीत हैं लेकिन आज इलाज के लिए लोकगायक रुपए की कमी के कारण जूझ रहे हैं ।।