उत्तराखण्ड
पौष माह की हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में इक्कीस दिन से साधना में लीन हैं भक्त!गोरखनाथ की छत्रछाया में मिलती है साधकों को शक्ति।
हेम कांडपाल
चौखुटिया (अल्मोड़ा)। ग्राम पंचायत बाखली के गोरखनाथ की धूनी में पौष मास की हाड़ कपा देने वाली ठंड के बीच भक्तों की बाइस दिन की साधना को इक्कीस दिन पूरे हो गए हैं। लोग दूर दूर से आकर धूनी में मंथा टेककर आशीर्वाद ले रहे हैं। वहीं साधक एक पतली पंखी व चादर के सहारे सर्द हवाओं की परवाह किए बिना साधना में डूबे हैं। बैैसी का भंडारा छह जनवारी बृहस्पतिवार को होगा।
पौष मास की कंपा देने वाली सर्दी के बीच गोरखनाथ की धूनी में रमे साधकों की साधना देखकर हर कोई अचंभित हो जाता है। ऐसे कड़क मौसम में जबकि कई लोग गर्म पानी से नहाने में भी कतराते हैं। साधकों का में तीन बार ठंड़े पानी व एक बार गुनगुने पानी से नहाना अपने आप में अचंभित करने वाला होता है। साधक स्नान के लिए भी धूनी से एक किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़कर धारे में स्नान करते हैं। पैर में चप्पल पहने बगैर शरीर में भी नाममात्र के कपड़े ही होते हैं। साधको की इसी तपस्या को देखकर दर्शन को आने वाले भक्तों की आस्था और श्रृद्वा और प्रगाढ़ हो जाती है।
सभी जानकार मानते हैं कि बिना गोरखनाथ की कृपा के इस तरह की कड़ी साधना संभव नही हो सकती है। साधकों को गोरखनाथ की कृपा से ही शक्ति मिलती है। जिसके चलते वे बाईस दिन तक उन्हीं की छत्रछाया में रहते हैं। यही कारण है कि लगातार ठंड़े पानी से स्नान के बावजूद किसी तरह की परेशानी तो दूर किसी को छींक तक नही होती है।
बैसी में बैठे साधकों में खीमसिंह मेहरा, त्रिलोक सिंह मेहरा, नवीन बिष्ट, चंदन नेगी, कुंदन मेहरा, बालम अधिकारी, चंदन रावत, भरत नेगी और पूरन नेगी शामिल हैं जबकि गोपाल बिष्ट व भवान अधिकारी
कोरी बैसी में बैठे हैं।