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जंगल में जल रहे निर्दोष जीव जंतु : सरकार और विभाग के अधिकारी देख रहे तमाशा ।।

जन मुद्दे

जंगल में जल रहे निर्दोष जीव जंतु : सरकार और विभाग के अधिकारी देख रहे तमाशा ।।

जल रहे पहाड़ कौन जिम्मेदार

जैसा कि हम सभी जानते हैं और सभी लोग अपनी आंखों से देख भी रहे हैं कि उत्तराखंड के लगभग जितने भी जंगल हैं वह सभी अग्नि की भेंट चढ़ ही जाते हैं , आग विकराल रूप रखकर सभी जंगली जीव – जंतु, पशु- पक्षी, छिपकली, सांप, चूहा, मेंढक, नेवले ,सियार , बंदर, लोमड़ी ,पक्षियों के घोंसले तथा अन्य सभी जंगली जानवरों के घर जल रहे हैं ।।उसमें से कितने ही लाचार प्राणी जो भाग नहीं सकते, उड़ नहीं सकते, जलकर भस्म हो रहे हैं । जबकि उनका कोई दोष नहीं है, वह सभी मनुष्य जाति को श्राप दे रहे होंगे तड़प तड़प कर मरते हुए । सभी सरकारी विभागों और जुमलेदार अधिकारी गणों को धिक्कार रहे होंगे तथा सरकार को भी पता नहीं कौन सा श्राप देते होंगे ।।

सरकार व उनके विभागीय जुमलेबाज अधिकारी

वैसे हम बड़े-बड़े लेक्चर पर्यावरण पर देते हैं और सुनते हैं मगर जब जलता पर्यावरण धरातल पर सामने दिखता है तो सब मौन बैठे केवल तमाशा देख रहे हैं । धिक्कार है सरकार व उनके विभागीय जुमलेबाज अधिकारियों के ऊपर जो सब कुछ अपनी आंखों से सामने नष्ट होते हुए देख रहे हैं ।।जो इतना कुछ देखकर भी मौन होकर कर देख रहे हैं जब निर्दोष जीव जंतुओं के श्राप के कारण उनके भी घर उजड़ेंगे वह तब समझ भी नहीं पाएंगे कि क्या कारण है उनके खत्म होने का ।।

हजारों औषधि और जड़ी बूटियां हो गई नष्ट

सरकार तथा फॉरेस्ट विभाग को ठोस रणनीति एवं ठोस कानून बनाकर नष्ट होती औषधीय पौधों, जड़ी बूटियां और वनस्पतियों के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण के संबंध में प्रयत्न करने चाहिए ।। लोगों को जगह-जगह विज्ञापनों से समझना चाहिए यह हमारी बहुमूल्य प्राकृतिक संपदा है और इसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए ।।

भूपाल सिंह भंडारी (उत्तराखंडी) लेखक “प्रतिपक्ष संवाद” के नियमित पाठक है। ✍️

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