उत्तराखण्ड
वोट डालने के लिए गर्भवती महिलाओं के लिए आएगी डोली : चुनाव के बाद क्यों नहीं पहुंच पाती महिलाओं के लिए डोली ?
उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आय़ोग कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। चुनाव में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए गर्भवती महिलाएं भी डोली में बैठ कर वोट डालने जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग ने गर्भवती महिलाओं को डोली की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कमर कस ली है। दुर्गम क्षेत्रों में गर्भवती महिला मतदाताओं को डोली की सुविधा मिलेगी। 19 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए निर्वाचन विभाग वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए जन जागरूकता के साथ ही विशेष अभियान भी चला रहा है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की। जिसमें उन्होंने विभाग को पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले गर्भवती महिला मतदाताओं को मतदान स्थल तक पहुंचाने के लिए डोली की व्यवस्था करने के आदेश दिए।सीईओ पुरूषोत्तम ने कहा कि सभी मतदान कार्मिकों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सा विभाग से समन्वय किया गया है। पोलिंग पार्टियों को किस सुविधा और स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करना है? इसके लिए बूथ लेवल हेल्थ मैनेजमेंट प्लान बनाया गया है. सभी जिला अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों की जानकारी सभी पोलिंग पार्टियों तक उपलब्ध रहेगी।
लेकिन सवाल यह है कि जिन सुविधाओं के लिए महिलाएं वोट डालने जायेंगी क्या उनको वह सुविधा सच में मिल पाएगी ,क्या जब वह बीमार होगी उन्हें समय पर एंबुलेंस या डोली की व्यवस्था करवाई जाएगी ।। या केवल चुनाव में प्रत्याशियों को बड़ी जीत के लिए ही हर सुविधा उपलब्ध होगी ।।