उत्तराखण्ड
भारत में न्याय की देवी की आंखों से उतरी पट्टी, देखें दूसरा बड़ा बदलाव
औपनिवेशिक छाप और पारंपरिक विशेषताओं को त्यागने की पहल में, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की लाइब्रेरी में लगी लेडी जस्टिस की मूर्ति। इस मूर्ति में नई बात यह है कि पहले न्याय की देवी की मूर्ति में जहां एक हाथ में तराजू और दूसरे हाथ में तलवार होती थी और आंखों पर पट्टी होती थी, अब नए भारत की न्याय की देवी की आंखों की पट्टी खुल गई है, यहां तक कि उनके हाथ में तलवार की जगह संविधान आ गया है।
आपको बता दें कि यह परिवर्तन भारत के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. के कार्यकाल में हुआ। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के निर्देश पर न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाई गई है और हाथ में तलवार की जगह संविधान को जगह दी गई है।
लेडी जस्टिस की आंखों पर पट्टी बांधने का मतलब कानून के समक्ष समानता का प्रतिनिधित्व करना था, जिसका अर्थ था कि अदालतें अपने सामने आने वाले लोगों की संपत्ति, शक्ति या स्थिति के अन्य मार्करों को नहीं देख सकती हैं, जबकि तलवार अधिकार और अन्याय को दंडित करने की शक्ति का प्रतीक है। लेकिन अब मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के आदेश पर नई प्रतिमा स्थापित की गई है, जिसमे लेडी जस्टिस कि आंखें खुली हैं और बाएं हाथ में संविधान की जगह तलवार है, जिसे एक प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है।