हरिद्वार
हरिद्वार के शिवालिक नगर स्थित शिव मंदिर पर पहली बार किया जाएगा खरना पूजन कार्यक्रम: रंजिता झा
हरिद्वार: देशभर में खासतौर से उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल और बिहार-झारखंड में छठ का पर्व मनाया जा रहा है। दीपावली के बाद चौथ के दिन नहाय-खाय से छठ पर्व की शुरुआत हो चुकी है। छठ पर्व चार दिनों तक चलता है। छठ पर्व का दूसरा दिन खरना कहलाता है। ये कार्तिक पंचमी के दिन मनाया जाता है। इसके बाद षष्ठी और सप्तमी के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
क्या होता है खरना और क्या है इसकी व्रत विधि इसके बारे में समाजसेवी रंजिता झा ने विस्तार से बताया कि छठ पर्व का दूसरा दिन खरना होता है। खरना का मतलब है शुद्धिकरण। छठ के व्रत में सफाई और स्वच्छता का बहुत महत्व है। पहले दिन नहाय-खाय जहां तन की स्वच्छता करता है, वहीं दूसरे दिन खरना में मन की स्वच्छता पर जोर दिया जाता है। इसके बाद छठ के मूल पर्व षष्ठी का पूजन होता है और भगवान सूर्य को अर्घ्य दे कर उनका आवहन किया जाता है। खरना के दिन तन मन से शुद्ध हो कर छठी मैय्या का प्रसाद बनाया जाता है।
36 घंटे का व्रत रहते हुए षष्ठी के दिन चढ़ाया जाता है। इसके पश्चात उन्होंने जानकारी दी कि पहली बार खरना पूजन का कार्यक्रम हरिद्वार के शिवालिक नगर में शिव मंदिर पर रखा गया है जो की 18 नवंबर, शनिवार की शाम 07 बजे किया जाएगा। इसमें उनका सहयोग सुधा राठौर, रंजना शर्मा, कामायानी सिंह एवं ममता झा विशेष तौर पर करेंगी।