नैनीताल
सीता माता की विदाई में नही रोक सकी सुनैना अपनी आँशु साथ ही जनता भी हो गई भावुक।
नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल व उसके आसपास आजकल रामलीला मंचन की तैयारी जोर शोर से हो रही है। यहाँ श्री राम सेवक सभा, आदर्श रामलीला सूखाताल , तल्लीताल रामलीला कमेटी के अलावा नव सांस्कृतिक सत्संग समिति शेर का डांडा में भी रामलीला का मंचन जोर शोर से किया जा रहा है जिसमें परशुराम लक्ष्मण संवाद, व सीता माता के विवाह दौरान विदाई का वह भावुक क्षण देख कर जनता भी अपने आँसू रोक नही पायी। इधर रावण भी धनुष तोड़ने के लिए आतुर था पर एन मौके पर ऐसी आकाशवाणी हुई की रावण को जाना पड़ा पर जाते जाते कह गया सीते एक बार लंका के दर्शन जरूर कराऊँगा। नव सांस्कृतिक सत्संग समिति शेर का डंडा के समिति अध्यक्ष खुशाल सिंह रावत, व महासचिव पूरन चन्द्र पांडे ने सयुंक्त रूप से हमारे संवददाता ललित जोशी को बताया पात्र कलाकारों को एक महीने पहले से रिहर्सल के दौरान तैयार किया जाता है उन्होंने कहा सीमित साधनों के चलते विगत 53 वर्ष से लगातार रामलीला का मंचन किया जा रहा है
उन्होंने क्षेत्र की जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा इतनी ठंड के वावजूद भी राम भक्त लगातार तीन , चार घँटे रामलीला का जो मंचन देखते हैं उससे पात्र कलाकारों का हौसला बढ़ता है।यहाँ बताते चलें भगवान रामलीला मंचन के प्रति लोग इतने प्रेरित हैं कि एक ही परिवार के तीन सदस्य जिसमें डॉ हिमांशु पांडे जनक का व उनकी पत्नी दीपा पांडे सुनैना व उनका पुत्र संस्कार पांडे माता सीता का अभिनय कर रहे हैं।
इसके अलावा भगवान राम का अभिनय रोनिक सिंह बोरा, लक्ष्मण मोहित सुयाल,भरत हर्षित गेंडा, शत्रुघ्न निष्चय सनवाल, परशुराम चारू पन्त,कैकई कविता आर्या, दशरथ मनोज पांडे के अलावा हनुमान का किरदार भरत चन्दोला ,व रावण का दीपक जोशी द्वारा किया जा रहा है।
सीता स्वयंवर में उत्कृष्ट अभिनय के करते हुए विदाई गीत गाते समय रो पड़ी सीता की माँ यह देख कर जनता भी अपने आँशु नही रोक पायी।
रामलीला मंचन के दौरान सीता स्वयंवर, परशुराम लक्ष्मण संवाद, जनक परशुराम संवाद, गौरी पूजन, धनुष भंजन आदि रहे आकर्षण के केंद्र सरोवर नगरी नैनीताल में रामलीला मंचन हेतु प्रसिद्ध नव साँस्कृतिक सत्संग समिति, शेर का डांडा द्वारा राम यज्ञ का सफल आयोजन किया जा रहा है।
तीन दिनों की रामलीला में मुख्य अतिथियों एवं विशिष्ट अतिथियों के रूप मे सभासद तारा राणा, पूर्व प्रधानाचार्य एए सिंह, ऐपण विशेषज्ञ दीपा सिंह, लेक सिटी वैलफेयर क्लब की पूर्व अध्यक्ष एवं भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता जीवंती भट्ट, सहित लेक सिटी क्लब की साँस्कृतिक उप सचिव एवं प्रसिद्ध पर्वतारोही तुसी साह, क्लब की रचनात्मक सदस्य एवं लोक कला संवर्धक कंचन जोशी, वन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष एवं सामाजिक कार्यकर्ता संतोष साह आदि की उपस्थिति प्रेरणादायक रही।एक रचनात्मक पहल के रूप मे समिति के अध्यक्ष खुशाल सिंह रावत, सचिव पी सी पांडे, संरक्षक महेश चंद्र तिवारी , सुरेश कांडपाल,सहित विभिन्न पदाधिकारी उर्बादत जोशी, चन्द्र शेखर जोशी, बीरेंद्र जोशी, दिनेश जोशी,संतोष पंत, लक्ष्मण सिंह बिष्ट, कैलाश जोशी, श्री सती, श्री सुयाल , प्रकाश चंदोला, दीपक जोशी, राजेश जोशी, ललित मोहन पांडे उमेश सनवाल, इंद्र सिंह रावत, कंचन चन्दोला, गणेश लोहनी, श्री बिष्ट, हरीश पंडित, हिम्मत सिंह, दीपक पांडे, गौरव , विक्की, बीजी, पंकज वर्मा, प्रकाश जोशी,विनोद सनवाल,बी सी पन्त,आदि द्वारा सहयोग किया जा रहा है।
राम एवं लक्ष्मण की भूमिकाओं में रौनक बोरा एवं मोहित सुयाल ने उत्कृष्ट अभिनय प्रस्तुत किया।
तिरपन वर्षों से संचालित रामलीला में इस वर्ष एक विशिष्ट संयोग के रूप में एक ही परिवार के तीन सदस्यों द्वारा भावपूर्ण अभिनय देकर मंचन को ऐतिहासिक एवं यादगार बनाया।
सीता की भूमिका में सबसे छोटे कलाकार के रूप में सेंट जोसफ के कक्षा 5 के छात्र संस्कार पांडे द्वारा बेह्तरीन अभिनय किया जा रहा है, जबकि सीता स्वयंवर में सीता की माँ सुनयना के रूप में संस्कार की माता एवं पेशे से शिक्षिका दीपा पांडे द्वारा भावपूर्ण अभिनय कर सभी को प्रभावित किया। वहीँ पिछले 32 वर्षों से रामलीला में दो दर्जन से अधिक पात्रों का अभिनय कर चुके संस्कार पांडे के पिता एवं रंगकर्मी शिक्षक डॉक्टर हिमांशु पांडे द्वारा राजा जनक की भूमिका निभाई गई।रामलीला मंचन के दौरान इस बार बहुमुखी प्रतिभा के धनी शिक्षाविद एवं संस्कृति प्रेमी सी आर एस टी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य मनोज पांडे द्वारा राजा दशरथ की एवं शिक्षक गणेश लोहनी द्वारा विश्वामित्र की भूमिका निभायी गयी।अनुभवी कलाकर चारु पंत द्वारा परशुराम की भूमिका विशेष रूप से सराही गई। साथ ही रावन के दमदार अभिनय में दीपक जोशी ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। आयोजन को सफल बनाने में समस्त सदस्यों एवं पदाधिकारियों सहित निर्देशक मंडल में खुशाल सिंह रावत, ललित गिरी गोस्वामी, हिम्मत सिंह, संतोष पंत, कैलाश जोशी, प्रकाश पांडे ,हरीश,आदि द्वारा योगदान दिया जा रहा है।