ऋषिकेश
इतने समय बाद दौड़ेगी ऋषिकेश – कर्णप्रयाग ट्रेन । ट्रेन से उत्तराखंड को क्या फायदा , क्या नुकसान ?
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई रेल लाइन का काम 70 फीसदी पूरा
ऋषिकेश। भारतीय रेलवे का दावा है कि देवभूमि उत्तराखंड में निर्माणाधीन ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई रेल लाइन का काम 70 फीसदी पूरा गया है। साल 2025 में इस रूट पर यात्री ट्रेन दौड़ने लगेंगी। सड़क परिवहन की अपेक्षा ट्रेन से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग का सफर आधे समय में ही पूरा हो जाएगा ।
20 करोड़ रुपये ईंधन की बचत
इससे सालाना 20 करोड़ रुपये ईंधन की बचत होगी। इसके अलावा रेल पहाड़ों के पर्यावरण को बचाने में मददगार साबित होगी, जिससे उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता बनी रहेगी।
पीक सीजन में यात्री ट्रेन चार फेरे लगाएंगी
भारतीय रेलवे ने बताया ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का 99 साल की डिजाइन के लिए तैयार किया गया है। दोनों शहरों के बीच पीक सीजन में यात्री ट्रेन चार फेरे लगाएंगी, जबकि सामान्य दिनों में दो फेरे लगाएंगी। सार्वजनिक उपक्रम की रिपोर्ट के अनुसार, 125 किलोमीटर की दूरी ट्रेन से डेढ़ से दो घंटे में पूरा होगी।
यह होंगे लाभ,1800 लोगों को रोजगार
रिपोर्ट के अनुसार, रेल लाइन की मरम्मत व रखरखाव के लिए 450 लोगों को स्थायी रोजगार मिलेगा। रेल लाइन निर्माण में 6400 कामगार लगे हुए हैं। उत्तराखंड के उक्त दोनों शहरों के बीच पर्यटन, बाजार, ट्रांसपोटेशन 1800 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना होगी।
यह होंगे नुकसान
इस ट्रेन के चलने से ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच चलने वाले टैक्सी चालक परेशान होंगे और उनकी रोजी-रोटी पर संकट आएगा और वह बेरोजगार हो जाएंगे ।