उत्तराखण्ड
शिक्षकों के लिए छात्रों का हित सर्वोपर्य।
राजकीय शिक्षक संघ की गोष्ठी में शिक्षकों ने दिए सुझाव
हेम कांडपाल
चौखुटिया (अल्मोड़ा)। ब्लाक मुख्यालय के सभागार में हुए राजकीय शिक्षा संघ के द्विवार्षिक सम्मेलन के पहले सत्र में शिक्षकों ने छात्रों को अपनी पूंजी बताते हुए उन्हें आगे बढ़ाने की दिशा में हर संभव प्रयास करने की बात कही । कहा छात्रों का हित सर्वोपर्य है।शिक्षकों ने अपने कर्तब्यों का निर्वहन करते हुए अधिकारों के लिए लड़ते हुए समस्याओं के प्रति सजग रहने की बात कही।
पहले सत्र में हुई शिक्षा उन्नयन गोष्ठी में शिक्षकों ने कहा कि उनके लिए छात्रों का हित सर्वोपर्य है। कहा कि छात्र हमारी पूंजी है साथ ही शिक्षक भी समाज का एक दर्पण है लेकिन अनावश्यक रूप से सरकारों द्वारा थोपे जा रहे कार्यक्रमों से शिक्षक अपने मुख्य लक्ष्य शिक्षा देने के कार्य से भटका जा रहा है जिससे मंशा के अनुरूप बच्चों के सर्वांगीण विकास की शिक्षा का अभियान प्रभावित हो रहा है। इस दिशा में सरकारों को गंभीरता से चिंतन करते हुए शिक्षकों को शिक्षण कार्य के अलावा अन्य कार्यों में लगाने से बचना चाहिए।
शिक्षकों ने पुरानी पेंशन बहाली, पदोन्नति,वर्ष बार नियमितीकरण, पूर्वी की भांति अवकाश बहाल करने के प्रस्ताव भी पास किये।
गोष्ठी में मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख किरन बिष्ट, बीईओ भारत जोशी, लक्ष्मी चंद त्रिपाठी, त्रिभुवन उपाध्याय, जोगा सिंह, डा. नंदी शर्मा , संघ के पूर्व जिलाध्यक्ष बलवंत नेगी, भारतेंदु जोशी, दलजीत पवांर व जिला मंत्री भूपाल चिलवाल सहित कई शिक्षकों ने विचार रखे। संचालन प्रमोद साह ने किया।
शिवानी कोठियाल अध्यक्ष व सतीश तिवारी चुने गए मंत्री
चौखुटिया (अल्मोड़ा)। राशिसं के दूसरे सत्र में ब्लाक कार्यकारिणी का गठन किया, जिसमें सर्वसम्मति से शिवानी कोठियाल को अध्यक्ष, सतीश चंद तिवारी मंत्री, नरेश कुमार व ज्योति जोशी उपाध्यक्ष, बीपी नैनवाल कोषाध्यक्ष ,सूर्य प्रकाश प्रचार मंत्री ,मनोज वर्मा संगठन मंत्री, प्रमोद कुमार व गायत्री बिष्ट संयुक्त मंत्री व दीप चंद्र जोशी संप्रेक्षक चुने गए । चुनाव प्रधानाचार्या डा. नंदी शर्मा व पर्यवेक्षक बीईओ भारत जोशी की देखरेख में संपन्न हुए। बाद में नव निर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ दिलाई गई।
यह राज्य के साथ सौतेला व्यवहार
शिक्षकों ने कहा कि सरकार द्वारा अटल उत्कृष्ट विद्यालय बनाकर सीबीएसई की मान्यता ली गई है। यह उत्तराखंड के साथ सौतेला व्यवहार किया गया, जबकि उत्तराखंड बोर्ड स्वयं में इंग्लिश मीडियम से भी है। कहा कि दोहरे मापदंड अपनाकर अध्यापकों के साथ अन्याय किया जा रहा है।